...

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सूरत जो भरी निगाहों में - ग़ज़ल १
शायरी :-

पल पल मेरा तेरे लम्हों का कर्ज़दार हो गया
हर पल मैं तेरे दीदार का मोहताज हो गया
इत्तला कर दिया मैंने अपनी ज़िंदगी को
ताउम्र कर्ज़ है तेरा मुझपर तेरा इतना एहसान हो गया

ग़ज़ल :-

तेरी सूरत जो भरी निगाहों में
तस्वीर तेरी ख्वाबों में सजने लगी
तेरी मूरत जो गड़ी धड़कनों में
खुश्बू तेरी सांसों में महकने लगी.......1

फितरत है उनकी, आंखों से यूं शरारत करना
सीखे महबूब से मेरे कोई पलकों से हरारत करना
आंखों में बसाकर उनको आंसुओं से मोहब्बत करना
उनकी पनाहों में मेरी हसीं दुनिया बसने लगी.......2

तेरी सूरत जो भरी निगाहों में
तकदीर मेरी हाथों में संवरने लगी......

मुनव्वर-ए-दीदार हो गया मैं उस खुदा का
मुर्शद मुरीद कर दे तू मुझे उसकी ज़फा का
हाथों में भरके तुझे मला आंखों में नाम तेरी दुआ का
तेरी मासूमियत में मेरी आंखें बहकने लगी......3

छुआ जो तूने मेरे अल्फ़ाज़ को होंठों से
तेरी इबादत में रूह मेरी गुनगुनाने लगी......

लब ख़ामोश हैं मेरे और कह रहा दिल मेरा
तू ही प्यार का समंदर तू ही साहिल मेरा
देखूं मैं जहाँ जहाँ भी इस जहां में तू ही मुक़ाबिल मेरा
बाहों में भरकर तुझे ये बाहें जन्नत लगने लगी मेरा......4

तू जो मिला मुझे इन सेहराओं में
ज़िंदगी इक बार फिर से मुझमें जीने लगी......

तेरी सूरत जो भरी निगाहों में
तस्वीर तेरी ख्वाबों में सजने लगी
तेरी मूरत जो गड़ी धड़कनों में
खुश्बू तेरी सांसों में महकने लगी......।।

© विकास - Eternal Soul✍️