सूरत जो भरी निगाहों में - ग़ज़ल १
शायरी :-
पल पल मेरा तेरे लम्हों का कर्ज़दार हो गया
हर पल मैं तेरे दीदार का मोहताज हो गया
इत्तला कर दिया मैंने अपनी ज़िंदगी को
ताउम्र कर्ज़ है तेरा मुझपर तेरा इतना एहसान हो गया
ग़ज़ल :-
तेरी सूरत जो भरी निगाहों में
तस्वीर तेरी ख्वाबों में सजने लगी
तेरी मूरत जो गड़ी धड़कनों में
खुश्बू तेरी सांसों...
पल पल मेरा तेरे लम्हों का कर्ज़दार हो गया
हर पल मैं तेरे दीदार का मोहताज हो गया
इत्तला कर दिया मैंने अपनी ज़िंदगी को
ताउम्र कर्ज़ है तेरा मुझपर तेरा इतना एहसान हो गया
ग़ज़ल :-
तेरी सूरत जो भरी निगाहों में
तस्वीर तेरी ख्वाबों में सजने लगी
तेरी मूरत जो गड़ी धड़कनों में
खुश्बू तेरी सांसों...