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ध्यान योग,,,,,
भगवान शिव को सावन मास बहुत प्रिय है शिव इस संसार के सबसे बड़े योगी है योग का जन्म महादेव के द्वारा हुआ था ,, उन्होंने बहुत कुछ दिया हमें बस हम सबको शिव की महिमा जान कर योग की महिमा जाननी चाहिए। ध्यान विधि उन्होंने ही प्रयोग की थी और संसारी को इसकी महिमा बताई है ,,, जब माता सती ने सरीर त्याग किया था तब महादेव बहुत ही अवर्णनीय दुःख में समा गए थे,, बहुत प्रेम करते थे वो माता सत्ती को और एक प्रेमी से हमेशा के लिए बिछड़ना बहुत पीड़ा दायक होता है ,,,,, तब भगवान शिव ने अपने आप को सबसे अलग कर लिया और एक अखंड ध्यान में चले गए थे ,, उन्होंने उस समय एक ही बात कही देवताओं को की संसार के हर पीड़ा का अंत ध्यान करने मात्र से हो सकता है ध्यान में हमेशा के लिए में सत्ती के साथ रह सकता हूं क्योंकि आत्माएं हमेशा साथ रहती है और जब मनुष्य अपने अंदर की आत्मा को देख लेगा उसे उसी समय सभी पीड़ाओं से मुक्ति मिल जाएगी,,,,,,, इस प्रकार शिव ने हमें ऐसा अमूल्य उपाय बताया जो सभी दुखो के निवारण के लिए आज भी बहुत उपयोगी है जिसने एक बार ध्यान का आनंद ले लिया उसको फिर किसी और आंनद कि जरूरत ही नहीं रह जाती है हम सबको पूरे दिन में से थोड़ा सा टाइम सुबह सुबह निकालना चाहिए और थोड़ी देर खुद के साथ रहना चाहिए सभी को भूल कर ,,,,, देख लो ऐसी महामारी का इलाज भी योग से संभव है जो भारत देश में हमारे ऋषि मुनि बहुत' पहले से ही अपनाते है "योगामक्षेमम् वहाम्येहम" हर हर महादेव ,,, योग करो स्वस्थ रहो,,,,,,, शिव परमेश्वर है और माता पार्वती प्रकृति है,,,,, इसलिए प्रकृति की गोद में बैठ कर उस परमेश्वर का ध्यान करो सब संतुलित हो जाएगा,,,,,,________मोहिनी शर्मा🙏
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