कुनबा - 1.4 चुप्पी के अल्फ़ाज़ - वो काली रात!
पंडतायन:- (अचानक से सोते सोते आधी रात में) :- किसी ने सही कहा है कि पूत के पाँव पालने में ही बता देते है कि कितने फैलेंगे।
शर्माजी:- अब क्या हो गया? कैसे बड़बड़ा रही है?
पंडतायन:- (शर्माजी की तरफ पीठ...
शर्माजी:- अब क्या हो गया? कैसे बड़बड़ा रही है?
पंडतायन:- (शर्माजी की तरफ पीठ...