सच्ची ताकत
जीवन में हम कई सारे मोड़ से गुज़रते है । जीवन मे आने वाले मोड़ यानी कि रास्ते कई बार दुख से भरे होते या सुख से ये दो रास्ते होते है जो हमे सफलता की और ले जाते है या असफलता की और । सफलता हम जानते है कि हमे जीवन मे आगे बढ़ने में उपयोगी होती है या असफलता जीवन मे कुछ सिखाने या सीखने के लिए उपयोगी होती है । हम सब जानते है कि जीवन मे कई बार हम सफल होना चाहते है लेकिन नही हो पाते और कई बार हम कुछ ऐसा करना चाहते है जो सबसे अलग होता है लेकिन परिस्थितियों हर वक्त हमारी सोच के समान नही आती है उसके विरोध में भी आ सकती है तो ऐसी स्थिति में हम क्या करते है या तो हम किसीकी सलाह लेते है या कोई दूसरा रास्ता निकालते है जो हमारे अनुरूप हो ।
लेकिन क्या हो अगर आप किसी ऐसी स्थिति में आ जाओ जहाँ से का तो आप अपना जीवन बनाओ अथवा अपने जीवन को भूल जाओ तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे । जहाँ आपका मन , आपका दिल और आपका दिमाग सिर्फ यही कहे रहा हो कि ये तुमसे नही हो सकता भूल जाओ अपने जीवन को स्वपन को जो तुमने देखा है । ऐसी स्थिति जहाँ करो या मरो की स्थिति है आपके पास सिर्फ और सिर्फ ऐसी स्थिति है कि आपका दिल , दिमाग और मन ये सब उस परिस्थितियों में हार मान ली है तो आप कैसे उस रास्ते पे चलेंगे कैसे सफल हो सकेंगे तो आज हम उसी पे बात करते है जो आपके जीवन को बहोत अच्छा बनाएगा ।
किसी भी परिस्थिति में जब घटनाओं की तुलना अपने अनुरुप हो तब तक तो सब ठीक है कि आप सब का सामना कर लेंगे लेकिन जब आपके पास दिल , दिमाग , और मन की शक्ति कमजोर हो और परिस्थितियों अपने अनुरुप ना हो तब हम किसी एक्सपर्ट की या किसी ज्योतिष या किसी भी ऐसी व्यक्ति की सलाह लेते है जो हमारे जीवन को समझ सके और बना शके । क्या पता कि आपका जीवन उससे बन जाये और परिस्थितियों का भी अपने रूप से पालन हो सके । लेकिन उसी सब मे भी हम कई बार धोका खा जाते है कई बार खूब सारे पैसे बर्बाद करने के बाद भी हम वो नही कर पाते जिसके लिए हम जीवन में सफल होना चाहते है और कई बार तो हम निराश , हताश हो जाते है और कई बार हम भाग्य को कोसते है या भगवान को की ऐसी स्थिति क्यो आयी ? क्यो ये ना हो सका वो ना हो सका ? तो ऐसी स्थिति में हम क्या करे वो ही सबसे बड़ा प्रश्न बनता है क्योंकि हम जितना बाहर निकलने के लिए कोशिस करते है उतना ही फस जाते है । तब क्या करे ?
तो जीवन मे सबसे पहले हमें अपनी शक्ति को पहेचान ना पड़ेगा की हमारी शक्ति क्या है ? किस स्थिति में हम परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम है ? हमारा मन , दिल , दिमाग कितनी हद तक परिस्थितियों को झेलने के लिए सक्षम है ? हमने ऐसा क्या किया है जिससे हम अभी की स्थिति में हार मानने लगे है । कौनसी ऐसी ताकत है जो हमे हमारे दिल से दिमाग से मन से हमे मजबूत बना सकती है क्योंकि आप जितने ही अपने दिल , दिमाग और मन को मुसीबतों में तपायेंगे वो उतना ही आपको बचाएंगे । याद रखिये की तकलीफ का सामना भी आपको करना है और उसका रास्ता भी आपको निकालना है और विजय भी आपिको होना है । आप चाहे किसी से भी कितना भी प्यार कर ले बाते बतादे कोई भी आपकी तकलीफों को...
लेकिन क्या हो अगर आप किसी ऐसी स्थिति में आ जाओ जहाँ से का तो आप अपना जीवन बनाओ अथवा अपने जीवन को भूल जाओ तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे । जहाँ आपका मन , आपका दिल और आपका दिमाग सिर्फ यही कहे रहा हो कि ये तुमसे नही हो सकता भूल जाओ अपने जीवन को स्वपन को जो तुमने देखा है । ऐसी स्थिति जहाँ करो या मरो की स्थिति है आपके पास सिर्फ और सिर्फ ऐसी स्थिति है कि आपका दिल , दिमाग और मन ये सब उस परिस्थितियों में हार मान ली है तो आप कैसे उस रास्ते पे चलेंगे कैसे सफल हो सकेंगे तो आज हम उसी पे बात करते है जो आपके जीवन को बहोत अच्छा बनाएगा ।
किसी भी परिस्थिति में जब घटनाओं की तुलना अपने अनुरुप हो तब तक तो सब ठीक है कि आप सब का सामना कर लेंगे लेकिन जब आपके पास दिल , दिमाग , और मन की शक्ति कमजोर हो और परिस्थितियों अपने अनुरुप ना हो तब हम किसी एक्सपर्ट की या किसी ज्योतिष या किसी भी ऐसी व्यक्ति की सलाह लेते है जो हमारे जीवन को समझ सके और बना शके । क्या पता कि आपका जीवन उससे बन जाये और परिस्थितियों का भी अपने रूप से पालन हो सके । लेकिन उसी सब मे भी हम कई बार धोका खा जाते है कई बार खूब सारे पैसे बर्बाद करने के बाद भी हम वो नही कर पाते जिसके लिए हम जीवन में सफल होना चाहते है और कई बार तो हम निराश , हताश हो जाते है और कई बार हम भाग्य को कोसते है या भगवान को की ऐसी स्थिति क्यो आयी ? क्यो ये ना हो सका वो ना हो सका ? तो ऐसी स्थिति में हम क्या करे वो ही सबसे बड़ा प्रश्न बनता है क्योंकि हम जितना बाहर निकलने के लिए कोशिस करते है उतना ही फस जाते है । तब क्या करे ?
तो जीवन मे सबसे पहले हमें अपनी शक्ति को पहेचान ना पड़ेगा की हमारी शक्ति क्या है ? किस स्थिति में हम परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम है ? हमारा मन , दिल , दिमाग कितनी हद तक परिस्थितियों को झेलने के लिए सक्षम है ? हमने ऐसा क्या किया है जिससे हम अभी की स्थिति में हार मानने लगे है । कौनसी ऐसी ताकत है जो हमे हमारे दिल से दिमाग से मन से हमे मजबूत बना सकती है क्योंकि आप जितने ही अपने दिल , दिमाग और मन को मुसीबतों में तपायेंगे वो उतना ही आपको बचाएंगे । याद रखिये की तकलीफ का सामना भी आपको करना है और उसका रास्ता भी आपको निकालना है और विजय भी आपिको होना है । आप चाहे किसी से भी कितना भी प्यार कर ले बाते बतादे कोई भी आपकी तकलीफों को...