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सुनिए_बादशाह_ए_वक़्त
#सुनिए_बादशाह_ए_वक़्त
आप के एक के बाद एक उलूल जूलूल फैसले लेने का सबब है किसान आन्दोलन
छाेटी सी बात समझने की है और हर किसी काे समझ आ जानी चाहिए
जब एक परिवार का मुखिया घर में निष्पक्षता काे ताक पर रख कर और किसी एक काे खुश करने के लिए तमाम फैसले परिवार के बाकी सदस्यों के मंशा के विपरीत लेने लगता है ताे वहां मुखिया के खिलाफ आवाज़ फाैरन ताे नहीं उठ पाती क्योंकि सभी सदस्यों में एकता नहीं रहती
और एकता न रहने की एक वज़न ये भी है की सब ताे एक ज़ेहन के नहीं रहते जाे भविष्य मे आने वाले संकट काे समझ सके लेकिन हां एक दिन हफ्ते महीने साल दाे साल में तस्वीर धीरे धीरे साफ हाेती जाती है और मुखिया के खिलाफ आवाज़ बुलंद हाेने लगती और एक दिन ऐसा भी आता है की सभी सदस्यों में एक मजबूत एकता कायम हाे जाती है और मुखिया काे मुंह की खानी पड़ती है
कहने का मतलब है अब भारतीय जनता अब आप के चक्रव्यूह में नहीं फसने वाली है और आप काे अपनी मसनद की फिक्र हाेने लगी है।
#हिफाजत_ए_लाेकतंत्र
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#जिन्दाबाद
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#किसान_आन्दोलनP_1