पृथ्वीराज की दानवीरता 🙂
( दोस्तों क्या आप जानते है महाराज दशरथ ओर पृथ्वीराज दो ही एकमात्र ऐसे योद्धा थे जो शब्दभेदी बाण विद्या को जानते थे। )
बात उस समय कि है जब राजकाज पृथ्वीराज चौहान ने संभाल रखा था। ओर प्रजा खुश थी। एक दिन वे नगर भ्रमण के लिए निकले ताकि सुनिश्चित कर सके कि उनके राज मे प्रजा को कोई परेशानी अथवा कष्ट ना हो।
अभी वो देख ही रहे थे कि सब कुछ ठीक था जैसे ही आगे की ओर बढ़े देखा एक गरीब सा बच्चा कीचड़ मे लतपथ आँखो पर पट्टी लपेटकर ...