तेरे शहर में
मिसेज ज्ञान ?
क्या... क्या वो मिसेज ज्ञान ही थी ! मंदिर से लौटती हुई झुमरी ने पीछे की गली में जाती हुई उस अधेड़ उम्र की महिला को देखा । फिर कुछ देर सोचकर वो मन ही मन हंसने लगी..और कहा नहीं ये मिसेज ज्ञान नही हो सकती उनके चेहरे पर तो एक अलग की चमक हुआ करती थी! हमेशा उत्साह दिखता था उन्हे देखकर तो कोई थका हुआ इंसान भी ऊर्जा से भर जाए।और ये महिला तो .. नही नही ये वो नही है।
ऐसा कहकर झुमरी वापस घर आ गई ..लेकिन घर आने के बाद उसका किसी भी काम में मन ही नही लग रहा था..वो मिसेज ज्ञान के बारे में ही सोच रही थी । उसने कितनी बार उनसे कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की उनके घर भी गई लेकिन उनका तो कोई अता पता ही नही चला। वो आज जो कुछ भी है मिसेज ज्ञान की कारण ही है। वो तो एक मामूली से लड़की थी जिसके पास खाने तक के पैसे न हुआ करते थे..वो तो अपनी मां के साथ मिसेज ज्ञान के घर काम करने जाती थी.. और मिसेज ज्ञान जो की स्कूल में एक अध्यापिका थी.. वो झुमरी को इस हालत में देख न सकी और अपने स्कूल में झुमरी का ...
क्या... क्या वो मिसेज ज्ञान ही थी ! मंदिर से लौटती हुई झुमरी ने पीछे की गली में जाती हुई उस अधेड़ उम्र की महिला को देखा । फिर कुछ देर सोचकर वो मन ही मन हंसने लगी..और कहा नहीं ये मिसेज ज्ञान नही हो सकती उनके चेहरे पर तो एक अलग की चमक हुआ करती थी! हमेशा उत्साह दिखता था उन्हे देखकर तो कोई थका हुआ इंसान भी ऊर्जा से भर जाए।और ये महिला तो .. नही नही ये वो नही है।
ऐसा कहकर झुमरी वापस घर आ गई ..लेकिन घर आने के बाद उसका किसी भी काम में मन ही नही लग रहा था..वो मिसेज ज्ञान के बारे में ही सोच रही थी । उसने कितनी बार उनसे कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की उनके घर भी गई लेकिन उनका तो कोई अता पता ही नही चला। वो आज जो कुछ भी है मिसेज ज्ञान की कारण ही है। वो तो एक मामूली से लड़की थी जिसके पास खाने तक के पैसे न हुआ करते थे..वो तो अपनी मां के साथ मिसेज ज्ञान के घर काम करने जाती थी.. और मिसेज ज्ञान जो की स्कूल में एक अध्यापिका थी.. वो झुमरी को इस हालत में देख न सकी और अपने स्कूल में झुमरी का ...