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रिटायर्ड जिंदगी ❤
ट्रेन मैं बस में सामान रख बैठा ही था कि मेरे सामने वाली सीट में एक बुजुर्ग दंपति ने अपना सामान रखा |और यही कुछ 75 की उम्र के दिख रहे बड़े ही आदर्श परिधान पहने उन सज्जन ने मेरी सीट नंबर पूछ कर अपनी सीट की पुष्टि करना चाहा |
सीट नंबर की पुष्टि के बाद उन्होंने अपना सारा सामान बहुत ही शालीनता से व्यवस्थित रूप से रखकर अपनी सीट पर बैठ गए |
मेरी आंखें उनके उदासीन चेहरे ( जिस पर ना खुशी झलकती ना ही,दुख की लकीर ) उनको आपस में हिंदी में बात करता देख मैं समझ गया था कि यह केरल राज्य के तो नहीं हो सकते |मेरी कौतुहलता मुझे विवश किए जा रही थी |मैं उन्हें जानना चाहता था,समझना चाहता था, कि आखिरकार उम्र के इस पड़ाव में हमारी सोच की पृष्ठभूमि क्या-क्या बदलाव आ जाते होंगे?
मेरी बातचीत शुरू ही होने वाली थी, कि वेटर ने टोमेटो सूप -टोमेटो सूप की रट लगा कर मेरी बातचीत पर वही विराम लगा दिया |
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