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premising part 3
प्रेमीसिंह पार्ट - 3

वक्त धीरे-धीरे बड़ी तेजी से बढ़ रहा था अब शांतिसिंह का पुत्र प्रेमी बड़ा हो चुका था, तब राजा ने प्रेमी की शादी कराने का निर्णय लिया, राजा ने पास के ही एक जंगल गोविंदपुरा के राजा गोविंदसिंह की पुत्री गोदावरी से प्रेमी की शादी तय की, गोविंदसिंह बहुत ताकतवर था इतना ताकतवर कि अगर गुस्से में किसी को गोली मार दे तो वह वही मर जाए और उसकी पुत्री गोदावरी इतनी ज्यादा सुंदर थी कि बस पूछो ही मत, गोविंदसिंह ने गोदावरी को बड़े लाड प्यार से पाला था इसलिए वह बहुत नाजुक थी, एक बार गोदावरी के ऊपर से हेलीकॉप्टर निकल गया तो वह बेहोश हो गई क्योंकि उसने 3 दिन से खाना नहीं खाया था, और वह बहुत जिद्दी थी इतनी जिद्दी के बता नहीं सकता, गोविंदसिंह बहुत अमीर था कहते हैं कि इतना पैसा उसने गुड डे बिस्कुट में से काजू निकाल निकाल के इकट्ठे करके उन्हें बेच-बेच कर कमाया था, और वह अपना पैसा अपनी पुत्री के नाम करना चाहता था, खैर गोदावरी और गोविंद सिंह को भी गोविंदा अच्छा लगता था, इसलिए प्रेमी और गोदावरी की शादी जल्दी से जल्दी तय कर दी गई, राजा ने शादी में अपने खास छुटकू हाथी, लुई मच्छर, सज्जन जिराफ, कुल कौवा, भूषण भालू, खरबंदा खरगोश, अगर मगर, सपोला सांप, चिरकुट चिड़िया, बाज़ीगर बाज, चतुरसिंह गधा, बब्बन शेर, बंटू बंदर, शेरदिल चूहा, हरिया हिरण, हँसमुख हंस, कालदूत सियार, कंगाल कंगारू, तेजसिंह कछुआ, के साथ-साथ अन्य कुत्ता, बिल्ली, अजगर, कबूतर, गाय, भैंस, घोड़ा, दरियाई घोड़ा, लोमड़ी, जेब्रा, नीलगाय, कोयल, सांड, कठफोड़वा, किंगफिशर, तेंदुआ, चिंपांजी, गोरिल्ला, रेनडियर, बकरी, भेड़, गेंडा, नेवला, गिलहरी, पांडा, पेंगुइन, ऊंट, बत्तख, सफेद भालू, भेड़िया, चींटी, मकड़ा, मेंढक, मछली, बिच्छू, चील, याक, मैमथ, खच्चर, शील, केकड़ा, ऑक्टोपस, शुतुरमुर्ग, मुर्गी, उल्लू, चमगादड़, घड़ियाल, मोर, एनाकोंडा, जंगली सूअर तथा अन्य सभी जानवरों को बुलाया, सारे जानवर शादी में खुशी खुशी गए परंतु सज्जन नहीं गया, शादी का कार्यक्रम बढ़िया चल रहा था कि अचानक वहां आग लग गई तथा सारे जानवर मारे गए, चूंकि सज्जन वहां नहीं गया था इसलिए वह बच गया, इस घटना की जांच के लिए सीआईडी वाले आए, पूछताछ के दौरान जब इंस्पेक्टर दया ने सज्जन को थप्पड़ मारा तब उसने कुर्सी पर बैठ कर रोते हुए बताया कि बचपन में जब प्रेमी छोटा था तब प्रेमी ने सज्जन की चुअन्नी चुरा ली थी, अगर उसने न चुराई होती तो मैं उससे गटागट की गोलियाँ खरीद के उन्हें बेचबेच के अब अमीर बन चुका होता, इसीलिए ही मैंने गुस्से में आकर प्रेमी से बदला लेने के मन से शादी में आग लगाने के लिए बुरी नज़र से कोसा था, उसी से आग लग गयी, तब एसीपी प्रद्युमन ने उससे कहा तुम्हें तो फांसी ही होगी फांसी
सीख - प्रद्युमन के सामने कभी कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए

- cursedboon (ankit bhardwaj)

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