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आख़री शुरुआत
उस दिन मैंने वो शर्ट पहनी थी जिसे खरीदने के बाद मम्मी ने मेरे साथ शोपिंग में साथ आने से मना कर दिया था, क्योंकि ये मेरी अठारहवीं ब्लु रंग की शर्ट थी। लेकिन हां, उस रंग में कुछ खास बात तो थी, क्योंकि जब भी मेरे बदन के ऊपर उस रंग की किरने गिरती, मेरी रूह को सिर्फ उनका ही अहसास होता। वो, कुदरत का सबसे लाजवाब करिश्मा; उनकी रचना के बाद ही ऊपरवाले ने इस दिल को बनाया होगा, ताकि यह दिल उनके लिए धड़क सके।

हां, मैं थोड़ा ओल्ड फैशन्ड भी हूं, इसीलिए मैं उनका नाम नहीं लूंगा। क्योंकि हमारे यहां पे कहा जाता हैं कि आप जिससे सबसे ज़्यादा प्यार करते हो उसका नाम नहीं लेते, उनकी उम्र कम हो जाती है। और मैं आज भी उनसे सबसे ज़्यादा प्यार करता हूं, ईश्वर से भी ज़्यादा...

बाय द वे, आज का दिन मेरे लिए कुछ खास हैं, हमारे लिए कुछ खास हैं। हमारे रिश्ते को आज पूरे पांच...