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आख़री शुरुआत
उस दिन मैंने वो शर्ट पहनी थी जिसे खरीदने के बाद मम्मी ने मेरे साथ शोपिंग में साथ आने से मना कर दिया था, क्योंकि ये मेरी अठारहवीं ब्लु रंग की शर्ट थी। लेकिन हां, उस रंग में कुछ खास बात तो थी, क्योंकि जब भी मेरे बदन के ऊपर उस रंग की किरने गिरती, मेरी रूह को सिर्फ उनका ही अहसास होता। वो, कुदरत का सबसे लाजवाब करिश्मा; उनकी रचना के बाद ही ऊपरवाले ने इस दिल को बनाया होगा, ताकि यह दिल उनके लिए धड़क सके।

हां, मैं थोड़ा ओल्ड फैशन्ड भी हूं, इसीलिए मैं उनका नाम नहीं लूंगा। क्योंकि हमारे यहां पे कहा जाता हैं कि आप जिससे सबसे ज़्यादा प्यार करते हो उसका नाम नहीं लेते, उनकी उम्र कम हो जाती है। और मैं आज भी उनसे सबसे ज़्यादा प्यार करता हूं, ईश्वर से भी ज़्यादा...

बाय द वे, आज का दिन मेरे लिए कुछ खास हैं, हमारे लिए कुछ खास हैं। हमारे रिश्ते को आज पूरे पांच साल कम्पलिट हो गए हैं। मुझे आज भी याद है हमारी पहली मुलाकात - हम मिले नहीं थे, हम झग़डे थे। एक्चुअली कुछ यूं हुआ था कि मैं क्लास में सर की साईन कीए हुए असाइनमेंट्स सबको वापिस कर रहा था, और गलती से उनका असाइनमेंट सेम नेम की उन्हीं की बेंचमेट को दे दिया। मुझे मेरी गलती का अहसास कराने के लिए उनकी बेंचमेट ने मुझे "शीश" करके पुकारा। मैं अपनी कोलेज का मोस्ट फेवरेट लड़का था; हां, मैं कोई टोपर नहीं था लेकिन कोलेज के सारे प्रोफेसर्स, स्टूडेंट्स, पीअन्स सबका दिल जीत चुका था। क्लास रिप्रेजेंटेटिव के चुनाव में मेरे सामने कोई खड़ा नहीं होता था, इसलिए नहीं क्योंकि मैं किसीको डराता था बल्कि इसलिए क्योंकि सब मेरा आदर और मुझसे प्रेम करते थे, तो थोड़ा गुरूर तो होगा ही... और इस लड़की ने मुझे "शीश" किया! मेरा ईगो हर्ट होने की वजह से मुझे यह तक पता नहीं चला कि "शीश" उन्होंने नहीं, उनकी बेंचमेट ने किया था। और उस दिन मैंने उनको सचमुच बहुत झाड़ दिया था।

इस बात का सच तो मुझे उस दिन पता चला जब उन्होंने क्लास में टोप किया था और मैंने उनको कोंग्रेच्युलेशंस विश किया था। मैं तो इस बात को भूल भी चुका था, ये तो उनका भी ईगो हर्ट हुआ था इसलिए उनको सब याद था। फिर? फिर आठ दिनों तक मुझे सार्कास्टिक वे में आंसर्स देते रहे, और बाद में मैंने माफी मांगी तब ये मामला कुछ शांत हुआ।

उसके बाद कब हमारी बातें दोस्ती में और दोस्ती प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला। इन पांच सालों में हम लड़े, झगड़े, एक-दूसरे से रूठे भी, लेकिन प्यार भी बेशुमार किया।

लेकिन आज का दिन कुछ और ही था। आज बहुत हिम्मत करके फिर से उनको व्होट्सऐप किया। हर आठ दिन बाद मैं उनके फेवरेट रंग में रेडी होता और उनको मेसेज करता क्योंकि मुझे हर बार एक ही आस रहती कि शायद वो मान जाए तो मैं विडियो कोल में उनकी एक झलक देख पाता और उनको उनके फेवरेट ब्लु आउटफिट में सरप्राइज दे पाता। उनको मैं एक ही मेसेज करता, "प्लीज़, कम बेक, आई स्टील लव यू एंड मींस यू। मेरी गलती तो मुझे बता दो, व्हाय डोंट यू लव मी एनी मोर?" वो हर बार मुझे टाल देते थे। लेकिन आज उनका आख़री जवाब आया - "अगर मुझसे सचमुच प्यार करते हो, तो डोंट मेसेज मी फ्रोम नाव ओनवर्ड्स।"

अब प्यार तो बेशुमार है ही, उसको साबित करने के लिए मैंने उनको आज तक मेसेज नहीं किया। वो मेरी आख़री शुरुआत थी, शायद हम एक हो जाते; लेकिन ख़ैर, नो वरीज़, मैं आज भी उनसे उतनी ही मोहब्बत करता हूं और मैं आज भी उसी इंतज़ार में हूं कि शायद वो कुछ शुरुआत कर दें, आख़री ही सही...!!!



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