...

3 views

नशे की रात ढल गयी-13
नशे की रात ढल गयी (13) ... कायस्थ जाति में नौकरी का महत्व क्या है, इसका पता मुझे नौकरी पाने के बाद हुआ।जैसे अचानक सिग्नल ग्रीन हो जाय तो बहुत देर तक रूकी ट्रेन के यात्रियों के चेहरे पर जो खुशी के भाव उठते हैं -कुछ वैसी ही मनोदशा में मैं भी था ।जब देश में जमीन्दारी प्रथा थी उस समय भी अधिकांश पटवारी (जमीन का लेखा-जोखा रखने वाले) कायस्थ ही होते थे ।नौकरी हमारा परंपरागत पेशा रहा है । लेकिन अब ऐसी बात नहीं है ,समय के साथ सबकुछ बदलता गया ।मगर समाज में इतना कुछ बदलाव होने के बाद भी हमारी मानसिकता में बदलाव नहीं आया । नौकरी आज भी हमारी पहली और अंतिम प्राथमिकता है ।इस नौकरी के मोहपाश में बंधकर हम अपनी जड़ों से उखड़ते चले...