...

6 views

तुम नही तो कोई और क्यों
मेरी ज़िंदगी का वो वक़्त तुम्हारे साथ जुड़ा हुआ था मेरी कहानी का किस्सा उस जगह से शुरू हुआ मेरी ज़िंदगी मे तुम इतना खयाल रखती थी जितनी चाहें उतनी बात मुझसे करती थी

हम साथ भी होते तो वक़्त कब बीत जाता था
मेरे साथ तुम्हारा होना मुझे तुम्हारी खुशी बताता था मेरे साथ तुम मेरी हर बात मानती थी मैं रूठ जाऊं मुझे बहुत मनाती थी मेरी खुशी के आगे अपने हर दुःख तुम हँसकर भूल जाती थी...।


मैं एक दिन भी तुमसे न मिलूं तुम मेरे बिन रह नही पाती थी मुझे याद साथ बैठकर हम अपने आगे भविष्य को लेकर बात कर रहे थे हम दोनों आगे क्या करेंगे इसके बारे मे बात कर रहे थे....।


बस एक गलतीं हो गयी मेरे अपनो ने दूर कर दिया तुमको मुझको अब ज़िंदगी घुट-घुट के भी जीऊं किसी और से मतलब नही रखूंगा अब कोई लाख मेरे दिल के करीब आने को सोचे उससे कोई मतलब नही रखूंगा ......।


DRx Pradumna Pandey