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वो घटना...😱 भाग-6
मैं जब भी अपने कदम आगे बढ़ाता मुझे किसी के होने का एहसास होने लगता और बार बार कभी एक कान में तो कभी दूसरे कान में हांपने और फूंकने की आवाज़ आते ही जा रही थी, और डर के मारे मेरे कदमों की रफ़्तार और सांसों की रफ़्तार भी तेज़ हो रही थी। उस शाम की ठंड में भी मेरे पसीने छूट रहे थे। वो पथरीला रास्ते में और ठंड में चलने में मुझे बहुत परेशानी हो रही थी। बोलते हैं कि कभी भी रात में कोई भी आपको पीछे से बुलाए तो कभी भी पीछे मुड़कर या हां नहीं बोलना चाहिए चाहे वो आपके परिवार का ही क्यों ना हो। जो मेरे पीछे पीछे था/थी वो और कोई नहीं वो ही औरत थी जिसकी कुछ दिन पहले मौत हुई थी। बार बार वो मुझे अजीबोगरीब हरकत से डराने लगी। मेरी हालत एकदम खराब हो चुकी और मुंह भी सूख गया था। अब आलम ये आया कि मैं कदम आगे बढ़ाता तो मेरे पैर आगे ही नहीं बढ़ रहे थे, लग रहा था कि जैसे मेरे पैर पकड़ लिए हों और मुझे आगे बढ़ने से रोक रहा हो। मैं जैसे तैसे करके अपने घर की पास तो पहुंच ही गया था पर मेरी हिम्मत टूट चुकी थी। मुझे इतनी देर होने के कारण मेरे घरवाले मुझे ढूंढने निकल पड़े और उन्हें आता देख उसने मुझे छोड़ा और जब वो उस पहाड़ी से गई तो ऐसा लगा कि जैसे वो पहाड़ी ही गिर गई हो इतनी जोर की धड़ाम की आवाज़ आई और बिलखने की रोने की आवाज़ फैल गई थी। उस हादसे के बाद मेरी तबियत ख़राब होने लगी थी। अब मुझे वो सपने में आकर डराने लगी थी।

शेष कहानी अगले और अंतिम भाग में....

© विकास - Eternal Soul✍️