अतरंगी चुड़ैल -5
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यह सुनकर प्रणव ने खुद को उससे अलग किया और अपनी सीट पर सीधे होकर बैठ गया। अपनी कार स्टार्ट करी और साउथ दिल्ली की ओर गाड़ी मोड़ दी। गाड़ी साउथ दिल्ली की तरफ दौड़ी चली जा रही थी। प्रणव एक तरफ गाड़ी चला रहा था और दूसरी तरफ बीच-बीच में उसे निहारे जा रहा था।
कभी उसके चेहरे, कभी उसके नरम गुलाबी होठों और फिर लंबी तराशी हुई सुराहीदार गर्दन से होकर उसकी निगाहें उसके क्लीवेज पर आकर ठहर...
यह सुनकर प्रणव ने खुद को उससे अलग किया और अपनी सीट पर सीधे होकर बैठ गया। अपनी कार स्टार्ट करी और साउथ दिल्ली की ओर गाड़ी मोड़ दी। गाड़ी साउथ दिल्ली की तरफ दौड़ी चली जा रही थी। प्रणव एक तरफ गाड़ी चला रहा था और दूसरी तरफ बीच-बीच में उसे निहारे जा रहा था।
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