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हाउस वाइफ
आज बहुत सालों के बाद मुझे अपना इक पुराना दोस्त मिला।
बड़ी खुशी हुई, हाल चाल जानने के बाद परिवार के बारे में बात हुई तो पता चला कि उसकी शादी हो गई है। बातों ही बातों में मैंने पूछ लिया कि भाभी जी जाब करती है क्या?

अरे नहीं - नहीं, वो कहाँ जाब करती है? वो तो साधारण सी हाऊस वाईफ है।

मुझे ना जाने क्यों उसकी यह बात अच्छी नहीं लगी।

"हाउस वाइफ! और वो भी साधारण सी!!!..."

खैर मैने भी मुद्दे को ज्यादा ना बढाते हुए, फिर मिलने का वादा किया और घर की ओर बढ गया।

पूरे रास्ते मेरा दिमाग इसी बात का मंथन कर रहा था कि क्या वाकई ही हाउस वाइफ साधारण सी होती है??

वो हमारे सुबह उठने से पहले की जगी होती है, "सुनो" लफ्ज़ पर वो हर सुबह फिरकी की तरह घूम रही होती है!
मेरे जूते कहाँ हैं? मोजा कहा है? नाश्ता लगा दिया क्या?
जल्दी करो, टिफिन बॉक्स पैक करने में इतना वक़्त? हद हो गई, इक काम तो ठीक से कर लो।
शायद हम पुरुष लोग काम पर जा रहे हैं कि हेंकडी में तो नहीं होते।
दोपहर का खाना हम स्वाद लगाकर जब खा रहे होते हैं, सच मे कितने पति होंगे जो यह सोचते होगे कि बीवी ने खाया होगा या नहीं।
बच्चों की तकरीबन हर जिम्मेदारी उठा रखी होती इन्होंने। याद करना दोस्तो रात रात जग कर कितनी बार हम मर्द लोग बच्चों को सुलाते रहे हैं?
आप आराम कर लो, सुबह काम पर जाना आपको, यह शब्द जाना पहचाना नही है।
घर में चाहे हमारे दूर के मामा चाचा आए हो या बीवी के मायके से कोई, उनके चाय नाश्ता, खाना पीना, उनके लिए बिस्तर लगाना तक की जिम्मेदारी होती इनके ऊपर।
हमारे बुजुर्गो को भी बहू नाम की रट लग जाती है, चाहे बहू चाय बना दो। चाहे मंदिर, बाजार, दवा, कोई भी काम है, पहली आवाज़ बहू को ही जाएगी।

सुनो! दूध ज्यादा गर्म नही देना आज, और वो जरा टीवी लगा दो। सुनो फोन तुम बाहर बैठ कर कर लो अपनी मम्मी को, आवाज़ कानों में पड रही है। सारा दिन चाहे हम दफ्तर में हजारों आवाजों के बीच काम कर ले। कही न कही पति रूपी आवरण हम ओढ़ कर बैठे होते हैं।

मुझे लगता है कि जिस लड़की को हम ब्याह कर लाते हैं, वो हमारे परिवार की जिम्मेदारीयों में खुद को झोंक देती है, वो सारा दिन चाहे चक्की की तरह चलती रहे। हमें कहा पता लगता है?

ब्याह कर हम घरेलू लडकी लाए थे। हाऊस वाईफ भी वो हमारे ही लिए बन गई, और साधारण सी भी।

वो वाईफ, मां, बेटी किसी भी रिश्ते से पहले एक औरत है।
वो कितनी भी साधारण क्यों न हो। मेरे घर को तो सम्हाल के बैठी है ना।

फिर वो हाऊस वाईफ... वो भी साधारण सी... कैसे हो सकती???


कविता खोसला
8-4-19