मस्त नज़रों से
हां बारिशों का वो महिना
भूल पायेंगे कभी ना
हां बारिशों का वो महिना
भूल पायेंगे कभी ना
जुल्फ से जब पानी झटका
तूने झूम के
हाय ऐसी खूबसूरत
भूल बैठे हम शराफत
लौट आयी पागल आंखें
तुझको चूम के
इश्क था या जहर चढ़ गया था
इश्क था या जहर चढ़ गया था
होश में आज तक आ ना पाए
मस्त नजरों से अल्लाह बचाए
मस्त नजरों से अल्लाह बचाए
ओ हुस्न वालों से अल्लाह बचाए...
भूल पायेंगे कभी ना
हां बारिशों का वो महिना
भूल पायेंगे कभी ना
जुल्फ से जब पानी झटका
तूने झूम के
हाय ऐसी खूबसूरत
भूल बैठे हम शराफत
लौट आयी पागल आंखें
तुझको चूम के
इश्क था या जहर चढ़ गया था
इश्क था या जहर चढ़ गया था
होश में आज तक आ ना पाए
मस्त नजरों से अल्लाह बचाए
मस्त नजरों से अल्लाह बचाए
ओ हुस्न वालों से अल्लाह बचाए...