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बीते लम्हे
ये कहानी तब है जब मैं( माही)और अमित 10वीं क्लास में पढ़ते थे..हमारी दोस्ती की शुरुआत कुछ इस तरह हुई थी..एक दिन मैं लंच ले जाना भूल गई थी और भूख की वजह से मेरे पेट में दर्द होने लगा था..मेरी दोस्त भी नहीं आई थी उस दिन..जब बेल बजी सभी बच्चे क्लास रूम से बाहर निकल गए और मैं हेडडाउन करके बैठी थी..अमित क्लास में आया और मुझे अपने साथ लंच करने के लिए फ़ोर्स किया..मुझे भूख भी लगी थी तो मैं मना नहीं कर पायी..लेकिन डर भी लग रहा था कि ना जाने अमित मेरे बारे में क्या सोच रहा हो..और दिन बीत गए..धीरे-धीरे हम दोनों में बहुत गंभीर दोस्ती हो गई और फिर हम दोनों साथ में ही लंच करते और बहुत सारी बातें भी करते..कभी कभी मैं हस पड़ती तो कभी वो..मुझे उसकी मुस्कान बहुत प्यारी लगती है|ऐसे ही समय गुजरने लगा और हमारे 10वीं की प्री परीक्षा भी खतम हो गई..और 1 month बाद हमारे बोर्ड के एग्जाम शुरू होने वाले थे..मैं और अमित दोनों बहुत उदास थे..मैं जाकर स्कूल के हीground में बैठ गई|जहां तक ​​मुझे लगता है ये प्यार नहीं बस लगाव था वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया था|फिर 15 दिन बाद विदाई के फंक्शन...जब हमारे स्कूल में फेयरवेल पार्टी थी तो मैंने अमित से पुछा..और ठीक हो
वो थोड़ा हडबड़ा कर बोला...हा ठीक हू और वो छोटी सी मुस्कुराहट के साथ Vähä से निकल गया..वो थी हमारी आखिरी मुलाकात...
आज भी बीते लम्हे में कभी कभी खो जाती हूं ये सोच कर की क्या सच में वो सिर्फ दोस्ती थी जो आज तक मेरे दिल में उसके मेरे आस पास होने का अहसास करवाती है|


this is not my story ye mere class mates ki love story hai 🤣🤣🤣




© hema singh __