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एक बेटी की दास्तान🥺😊
Mother's day special.... please read it...


रात के करीब ११ बजे थे।बारिश का मौसम चल रहा है और किताब पढ़ रही गर्भवती रागिनी को अचानक से पेट में बहोत जोर से दर्द होने लगा।रागिनी का पति अक्षय एक बिजनेस मेन था और वह काम के सिलसिले में शहर के थोड़ी दूर गया था,अभी तक वापिस नहीं लौटा था।रागिनी जोर जोर से रोने लगती हैं।दर्द बढ़ता चला जाता हैं,वह अक्षय को कितनी बार फोन करती हैं मगर काम की वजह से उसका ध्यान फोन पर नहीं जाता।
रागिनी को लगता हैं अब शायद बच्चे के आने का समय हो गया है और वह ऐसे यहां बैठ नहीं सकती उसे अस्पताल जाना ही होगा,वो हिमत करके खड़ी होती हैं और धीरे धीरे बाहर जाती हैं।बारिश की वजह से कोई टैक्सी या रिक्शा नजर नहीं आती,दूसरी तरफ उसका दर्द भी बढ़ने लगता हैं।थोड़ी दूर चलती हैं और उसका सिर चकराने लगा वो वही पे बैठ गई,कुछ देर में वहा से एक बूढ़ी औरत और उसका पति गुजर रहे थे और औरत का ध्यान रागिनी पर जाता हैं वह अपने पति को गाड़ी रोकने के लिए कहती हैं और वो रागिनी के पास जा पहुंचते है।रागिनी तब तक तो बेहोश हो चुकी थी , वो दोनो रागिनी को अस्पताल ले जाते है।रागिनी के फोन पर अक्षय की कॉल आती हैं,वो औरत फोन उठाती हैं,अक्षय को बताती हैं कि उसे ये लड़की बीच सड़क पर बेहोश हालत में मिली और वह उसे यहां ले आए हैं ,अक्षय जल्दी ही उस अस्पताल में जाने के लिए निकलता हैं।थोड़ी देर में वो अस्पताल पहुंचता है,मगर वहा जा कर वो चौंक जाता हैं,वो औरत और उसका पति दोनो मायूस होकर बेठे है,वो उनके पास आता हैं और अपनी पत्नी के बारे में पूछता हैं।वो दोनो कुछ नहीं बोलते ,डॉक्टर आते हैं अक्षय दौड़ता हुआ उनके पास आता है और पूछता है उसकी पत्नी और बच्चा कैसा है?और डॉक्टर उदासी के साथ कहते हैं,"माफ़ कीजिए ,लेकिन हम आपकी पत्नी को नहीं बचा पाए,आपको बेटी हुई हैं"अक्षय टूट जाता हैं, वह रागिनी के पास पहुंचता है और रोने लगता हैं,अपनी बेटी को गोद में लेकर रागिनी से वादा करता है वो उसकी परवरिश उसके जैसे ही करेगा।
एक साल बीत गया और एक दिन अक्षय की बहन उसे फोन कर कहती हैं कि उसे शादी कर लेनी चाहिए ,एक बीन मां की बच्ची को मां चाहिए इस दुनिया में,अक्षय रागिनी से बहुत प्यार करता था लेकिन अपनी बेटी आरोही के लिए उसे ये बात सही लगी और वो साक्षी नाम की लड़की से कुछ शर्त रख शादी करता है।उसे लगा साक्षी उसकी बेटी को मां का प्यार देगी।साल बीतने लगे ,आरोही बड़ी होने लगी ,लेकिन उसे मां का सच्चा प्यार ना मिला साक्षी अपने मतलब से ही सब कर रही थी ,आरोही को साक्षी में अपनी मां दिखाई देती मगर प्यार नही।वो स्कूल जाती और वापिस आकर अपना काम करती,वो अपनी मां को बहुत याद करती , स्कूल में सभी बच्चो के नोर्मल माता पिता हैं वैसे ही आरोही भी चाहती की उसकी साक्षीमां उसे प्यार करे मगर उसे वो नही मिल पाया ,अक्षय ने उसे कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी वो उससे बहुत प्यार करता था।
आरोही का १३ वा जन्मदिन आया।वैसे तो साक्षी ने कभी आरोही को बेटी की तरह नही रखा वो सिर्फ और सिर्फ अक्षय के होने पर थोड़ा बहुत प्यार जताती,आरोही उससे हमेशा मां समझकर बात करती, उसमे हमेशा उसकी मां को ढूंढती रही मगर साक्षी ने कभी उसे अपनाया नही वो तो बस उसे एक बोझ ही मानती रही ।अक्षय साक्षी से कहता है कि वो आरोही को नया ड्रेस और उसे जो भी चाहिए वो दिलवाने ले जाए ,साक्षी अक्षय को मना नहीं कर पाती क्योंकि अक्षय ने शर्त रखी थी की जब भी उसे लगेगा कि साक्षी आरोही का ध्यान नहीं रख पाती उस दिन वो उसे छोड़ देगा,यही डर की वजह से साक्षी कुछ नहीं कर पाती।वो आरोही को लेकर बाजार जाति हैं,वो दोनो जा ही रही हैं तो अचानक रास्ते में साक्षी को फोन आता हैं,वो आरोही से कहती है कि वह उस कपड़े की दुकान में जाए ,वो बात करके आती हैं।आरोही दुकान तरफ आगे बढ़ती हैं ,वो पीछे देखती हैं तो एक ट्रक तेजी से आ रहा हैं और साक्षी रास्ते में ही खड़ी है उसका ध्यान नहीं,आरोही उसे कितनी आवाज देती हैं,"मां........मां.....साक्षी मां.........."साक्षी फोन पर होने की वजह से उसे कुछ सुनाई नहीं देता।आरोही को लगता हैं की आज ही के दिन १२ साल पहले उसकी रागिनी मां भी उसकी वजह से दुनिया में नहीं रही उसके आते ही वो चल बसी और अब वो साक्षी को नहीं खोना चाहती भले ही वो उससे प्यार नही करती,साक्षी को आवाज सुनाई नहीं देती और आरोही उसकी और दौड़ने लगी और साक्षी को धक्का मार दिया ,लेकिन....वो अपनेआप को नहीं बचा पाई क्योंकि तब तक तो ट्रक उस तक आ जाता हैं,और वही उसकी मौत हो जाती हैं।
साक्षी जोर से चिल्ला उठती हैं,"आरोही.........आरोही..."लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।वो आरोही के पास दौड़ती हैं और उसे अपनी गोद में लेकर जोर जोर से रोने लगती हैं।
साक्षी ने कभी आरोही को बेटी कह कर भी नहीं बुलाया ,हमेशा उसे ताना मारती रही,कभी थोड़ा सा प्यार भी नहीं जताया लेकिन आज उसी बेटी ने अपनी सौतेली मां की जान बचाने के लिए अपनी जान दे दी और वो भी अपने ही जन्मदिन पर।आज से ठीक १२ साल पहले एक मां ने अपनी बच्ची के लिए जान दी थी और आज उसी बच्ची ने अपनी सौतेली मां के लिए जान दे दी।साक्षी के पास जिंदगी भर का गम और पछतावा रह गया।

Thank you 💌

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