...

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मेरा भाई एक परिंदा
गहनता ने लीन ,वो जो सोचता है ,तो मानो विचारो कि गंगा में वह जाता है ।
तूफानों जैसे अजीब ख्याल मन में उठते है ।
तो कभी समुद्र कि बवंडर तो कभी ज्वालामुखी जैसे विस्फोटक ,विद्वंशकरी विचारो से उसका मन अशांत हो उठता है ।
हा , अशांती तो थी पर एक पल कि ,।
पालक झपकते ही वह खुद को खुश कर देता ।
जैसे सूरज की...