...

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प्यार और दोस्ती
उफ्फ...
प्यार से पहले वाली दोस्ती,
जब हम मिल कर किया करते थे मस्ती,
मुझे तेरे दिल की ख़बर न था,
प्यार वाले जज़्बों से बेख़बर था,
दिन-रात बातें तुझसे किया करता था,
तू भी मुझे चुप-चाप सुना करती थी,
बातों पे मेरी मुस्कुराया करती थी,
रोज़ मेरे लिए अपने घर से कुछ लाया करती थी
तुम अपनी सारी ज़िद मुझसे मनवाया करती थी,
जब तुम्हे गुस्सा आता था,
तो खरी-खोटी भी खूब मुझे सुनाया करती थी,
गलती तेरी रहती थी, और डाँट मुझे सुनना पड़ता था,
अपना तो खाती ही थी, मेरे हिस्से का भी छीन के खाया करती थी,
तेरी हर मनमानी में साथ मैं दिया करता था,
तेरे लिए मैं सब से लड़ता था,
तुझे कुछ हो जाए तो मेरी जान निकल जाता था,
पर जब मैने उस दिन अपने प्यार का इज़हार किया,
और अपने हाल-ए-दिल बयाँ किया,
मेरे दिल में कुछ छन से टूटा था,
ऐसा तो मैंने कभी न सोचा था,
गुस्सा भी बहुत आया था,
अकेले में बैठ खूब रोया था,
अब तुझसे बातें नहीं करता
चुप-चाप मैं अब तन्हा बैठा रहता,
उदास फिरा करता था,
तुझ से छिप- छिप के रहा करता था,
और सोचा करता था,
काश मैने इतना जल्दी न किया होता,
प्यार के इज़हार में थोड़ा मोहलत लीया होता,
हमारी दोस्ती यूँ तो न टूटती,
तुम मुझसे यूँ तो न मुँह मोड़ती ।।
अमृत..

© अmrit...