tqdeer -2
Time7:20 मै बहार आ गया examroom से ..
exam लगने मे 1, 2 घण्टे का अभी समय था मै एक घण्टे तक बहार एक लडके से बात करता रहा फिर एक घण्टे के बाद मै वापस आ गया और अपनी जगह पर बैठ गया मैने उसकी तरफ देखा ही था तभी वो लडकी बहार जाने लगी और मेरी बारी थी इतजार करने की ऐसे ही समय निकल गया पर मै उससे कुछ भी नही कह सका ..पेपर लग गया और हम बहार आने लगे . तभी अवाज आती है अकिंत ...मैने सोचा कोई और अकिंत होगा तभी 2 बार और आती है फिर मैने पीछे मुडकर देखा तो वही लडकी थी पर इसको मेरा नाम कैसे पता चला? उस लडकी ने अपना हाथ आगे बढाकर कहा लो तुम्हारी 🆔.. मैअपनी id वही भुल आया तब ही अचानक मेरे मन मे कल वाली बात याद आ गयी मैने उससे कहा क्यो तुम क्या मेरे समान की रखवाली करने आयी हो उसने हसकर कहा sorry.. मैने कहा कोई बात नही it's ok उसने कहा की कितने question attempted किये, मैने कहा 110 ़़,,,झूठ मत बोलो यह कहते हुये बोली कि 130 के आसपास किये है मैने देखा है मैने कहा अच्छा तो पूछ क्यो रही हो फिर मैने हसकर कहा ,, वो भी हसने लगी मैने कहा तुमने अपना नाम भी नही बताया उसने कहा क्यो बताऊ तुमने पुछा ही नही उसने मुस्कराते हुए कहा दीपका,, हम दोनो के बीच बात होती रही हम दोनो को अब एक दुसरे के बारे मे बहुत कुछ पता चल गया वो भी वही रुकी थी जहाँ पर मेरा भाई रहता था वो बोली कि कैसे जाओगे अब मैने कहा जैसे आया वैसे ही जाऊगां ,,
अब काफी समय बीत गया हम दोनो को बात करते करते उसका भाई गया वोली भाई आ रहा है तो आज शाम को 7:00 बजे मिलते है .new mall के पास ok मैने कहा ठीक है उसने आगे बढते हुए कहा पक्का मिलना मैने कहा ठीक है
मै भाई के पास पहुचा और मुझे अब 7 बजने का बेसबरी से इतजांर था मानो की यह कुछ घण्टे आगे जा ही नही रहे हो ...मै भाई को बोलकर आया कि मै अपने दोस्त के यहां जा रहा हूँ मै उसकी बताई हुयी जगह पर पहुच गया 5 10 minute बाद वो भी अपनी बहनों के साथ आ गयी फिर हम पार्क मै घुमने के लिए निकल गये वहाँ हम दोनो ने आपस मे बात करते करते अपने बारे मे बहुत कुछ share कर दिया.. और हम एक दूसरे के लिए अजनबी से दोस्त बन गये फिर हम रोजाना शाम को मिलते
मै कुछ दिनो के लिए ही जयपुर आया था भाई और मे अब कल घर जाने...
exam लगने मे 1, 2 घण्टे का अभी समय था मै एक घण्टे तक बहार एक लडके से बात करता रहा फिर एक घण्टे के बाद मै वापस आ गया और अपनी जगह पर बैठ गया मैने उसकी तरफ देखा ही था तभी वो लडकी बहार जाने लगी और मेरी बारी थी इतजार करने की ऐसे ही समय निकल गया पर मै उससे कुछ भी नही कह सका ..पेपर लग गया और हम बहार आने लगे . तभी अवाज आती है अकिंत ...मैने सोचा कोई और अकिंत होगा तभी 2 बार और आती है फिर मैने पीछे मुडकर देखा तो वही लडकी थी पर इसको मेरा नाम कैसे पता चला? उस लडकी ने अपना हाथ आगे बढाकर कहा लो तुम्हारी 🆔.. मैअपनी id वही भुल आया तब ही अचानक मेरे मन मे कल वाली बात याद आ गयी मैने उससे कहा क्यो तुम क्या मेरे समान की रखवाली करने आयी हो उसने हसकर कहा sorry.. मैने कहा कोई बात नही it's ok उसने कहा की कितने question attempted किये, मैने कहा 110 ़़,,,झूठ मत बोलो यह कहते हुये बोली कि 130 के आसपास किये है मैने देखा है मैने कहा अच्छा तो पूछ क्यो रही हो फिर मैने हसकर कहा ,, वो भी हसने लगी मैने कहा तुमने अपना नाम भी नही बताया उसने कहा क्यो बताऊ तुमने पुछा ही नही उसने मुस्कराते हुए कहा दीपका,, हम दोनो के बीच बात होती रही हम दोनो को अब एक दुसरे के बारे मे बहुत कुछ पता चल गया वो भी वही रुकी थी जहाँ पर मेरा भाई रहता था वो बोली कि कैसे जाओगे अब मैने कहा जैसे आया वैसे ही जाऊगां ,,
अब काफी समय बीत गया हम दोनो को बात करते करते उसका भाई गया वोली भाई आ रहा है तो आज शाम को 7:00 बजे मिलते है .new mall के पास ok मैने कहा ठीक है उसने आगे बढते हुए कहा पक्का मिलना मैने कहा ठीक है
मै भाई के पास पहुचा और मुझे अब 7 बजने का बेसबरी से इतजांर था मानो की यह कुछ घण्टे आगे जा ही नही रहे हो ...मै भाई को बोलकर आया कि मै अपने दोस्त के यहां जा रहा हूँ मै उसकी बताई हुयी जगह पर पहुच गया 5 10 minute बाद वो भी अपनी बहनों के साथ आ गयी फिर हम पार्क मै घुमने के लिए निकल गये वहाँ हम दोनो ने आपस मे बात करते करते अपने बारे मे बहुत कुछ share कर दिया.. और हम एक दूसरे के लिए अजनबी से दोस्त बन गये फिर हम रोजाना शाम को मिलते
मै कुछ दिनो के लिए ही जयपुर आया था भाई और मे अब कल घर जाने...