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मां के चरणों को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
कुछ दिन पहले एक परिचित के घर गया था। जिस वक्त घर में मैं बैठा था, उनकी मेड घर की सफाई कर रही थी। मैं ड्राइंग रूम में बैठा था, मेरे परिचित फोन पर किसी से बात कर रहे थे। उनकी पत्नी चाय बना रही थीं। मेरी नज़र सामने वाले कमरे तक गई, जहां मेड फर्श पर पोछा लगा रही थी।

अचानक मेरे कानों में आवाज़ आई।

“बुढ़िया अभी ज़मीन पर पोछा लगा है, नीचे पांव मत उतारना। मैं बार-बार यही नहीं करती रहूंगी।”

मैंने अपने परिचित से पूछा, “मां कमरे में हैं क्या?

“हां।”

“जब तक चाय बन रही है, मैं मां से मिल लेता हूं।”

“हां, हां। लेकिन रुकिए, अभी-अभी शायद पोछा लगा है, सूख जाए,फिर जाइएगा।”

"क्यों? गीला है तो मेड दुबारा लगाएगी। नहीं लगाएगी तो थोड़े निशान रह जाएंगे फर्श पर। क्या फर्क पड़ेगा?"

परिचित थोड़ा हैरान हुए । भैया ऐसा क्यों कह रहे हैं?

तब तक मैं कमरे में चला गया था। गीले पर्श पर पांव के खूब निशान उकेरता हुआ।

मैं मां के पास गया। मैंने...