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"दास्तान ए मोहब्बत "
प्रेम, इश्क़ और मोहब्बत ये शब्द सुनते ही लोगों में एक अलग उमंग आ जाती है। परन्तु ये शुरूआत में ही अच्छी लगती है क्योंकि की मोहब्बत के मुसाफिरों ने कहां है की....... जब तक मोहब्बत , मोहब्बत रहे, तब तक ठीक है क्योंकि जब वह जुनून का रुप ले लेती है तो या मोहब्बत आबाद हो जाती है या फिर इंसान तबाह हो जाता है......... आये आप को हम ऐसे ही एक दास्तान से रूबरू कराते हैं। गौरी आज तक एक सादगी भरी जीवन जीती आ रही थीं। उसे अपने पढ़ाई और अपने परिवार के अलावा किसी और से कोई मतलब नहीं था। उसकी कई मित्र और सखियां थी। किन्तु बस वह कुछ क्षण के लिए ख़ास थी। गौरी 9वीं...