ज़िन्दगी ख़ास हो सकती थी
ज़िन्दगी ख़ास हो सकती थी
तुम होते तो मोहब्बत पास हो सकती थी..
हम तन्हा नहीं है तुम्हारी यादें है आज भी
पर तुम होते तो क्या बात हो सकती थी..
हम निकलते हैं तन्हा सफ़र को जब
तो ख़याल ये आता है..
साथ तुम होते सफ़र में तो
मेरे हाल से शिकायत तुमको भी हो सकती थी..
तुम हाथ थाम ते मेरा तो क्या बात हो सकती थी
सुनो ज़िन्दगी तुम्हारे साथ ख़ास हो सकती थी..
© K_khan_lines ..KK.. ✍
तुम होते तो मोहब्बत पास हो सकती थी..
हम तन्हा नहीं है तुम्हारी यादें है आज भी
पर तुम होते तो क्या बात हो सकती थी..
हम निकलते हैं तन्हा सफ़र को जब
तो ख़याल ये आता है..
साथ तुम होते सफ़र में तो
मेरे हाल से शिकायत तुमको भी हो सकती थी..
तुम हाथ थाम ते मेरा तो क्या बात हो सकती थी
सुनो ज़िन्दगी तुम्हारे साथ ख़ास हो सकती थी..
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