...

15 views

बदली बदली नजर
मेरे मित्र के विवाह,
को अभी हुए न पूरे तीन माह,
कि बदल गया उसका मिजाज,
भाई और बहन की जिम्मेदारी,
अब बन गई मां की लाचारी।
कहने लगे पड़ोसी,
लड़का या नयी नवेली बहू,
कौन है बताओ दोषी,
तीस बरस के वात्सल्य प्यार,
पर क्यों भारी हुआ,
तीन माह का दांपत्य प्यार।
वह बन गई अब दिल की जान,
और
मां हो गई अनजान।
पत्नी की छोटी अंगुली पर,
अक्सर वो अब नाचा करता।
"मां,ज्यादा मत बोला करो"
अक्सर वह मां को कहा करता।
माना हमने,पत्नी का प्यार है,उसका हक,
पर मां की सेवा का नहीं मूल्य,
यह भी है कटु सच।
मित्र को ज्यों ही नीतिगत बात समझाई,
वह बोला,घरेलू मामला है यह हमारा।
तुम बीच में मत आओ भाई।
सुनकर जवाब, घूम गया सिर हमारा।
हुआ संस्कारों का यह कैसा पतन,
सोचने को मजबूर हुआ अब मेरा मन,
मात-पिता हो गये और्थोडोक्सिकल,
और औलादें बन गई माडर्न,
ऐसे अपनी नजरें बदल बदल।

#और्थोडोक्सिकल # रूढ़िवादि
© mere alfaaz
#sanskaar#badlee nazar.