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A chapter of my diary.
मैं जिंदगी की उस मोड़ पर थी जिस मोड़ पर किसी को भी नहीं होना चाहिए। मैं अपनी जिंदगी से परेशान होकर इस सोच पर डूबी थी कि अब या तो ये जिंदगी रहेगी या मौत। मेरे घर में एक नई चाकू हैं,जहर भी और रसी भी है। वेसे भी मैं अब जी कर भी क्या करूँ नाहीं मुझे से रिश्ते सम्भाला गया ना प्यार ना ही job सब कुछ खत्म हो चुका है। मैं बर्बाद हो चुकी हूँ पर मैं जीना चाहती हूँ पर मेरे पास कोई वज़ह नहीं जीने के लिए मरना बेहतर है हर दिन के ज़िल्लत भरी जिंदगी से। मैं इन बातों से लड़ ही रही थी कि मुझे unknown number से call आया। उसने मुझसे बड़े ही इज्ज़त से बात करते हुए मुझसे कहा ma'am आपके बैंक अकाउंट (online) पर आपका birth of date सही नहीं है अगर आपने update नहीं करवाया तो आपका बैंक अकाउंट बंद कर दिया जाएगा। ये एक scam call था क्योंकि एसे call मुझे पहले भी आ चुका था फिर भी मैंने बड़े विनम्रता के साथ उसे बाते करते हूँ कहा कि तो आप बंद कर दीजिए। उसने तीन बार मुझसे पूछा बंद कर दूँ। मैंने मन में सोच रही थी कि मैं यहाँ मारने का सोच रही हूँ और ये मेरे खाली अकाउंट से पैसे निकालने का सोच रहा है। और चौथी बार पूछने पर मैंने कह दिया कि आपका जो मन आप वो कीजिए ये कहे कर मैंने call cut कर दिया। उसने फिर call किया और मुझसे अश्लील तरीके से बातें करने लगा। इन बातों से मैंने अपने मन को पका कर लिया । मैंने सोचा लिया कि मैं आगे भी कभी खुश नहीं रह सकती क्योंकि इन जेसे लोग हर चौथी गलियों में मिल जाते हैं और जिस जिन्दगी मैं हर चौथी गलियों मौत जैसी जिंदगी हो एसी जिन्दगी में जी कर कोई फायदा नहीं। मैंने मारने के लिए ज़हर को चुना।मैंने जहर को खाने में मिला दिया और खाने के पहला निवाला जब अंदर गया तब मुझे आनंद का call आया ।मेरा मन तो नहीं था call receive करने का पर पता नहीं क्यूँ मैंने call उड़ा लिया। उसने बड़े ही विनम्रता के साथ मुझसे से मेरा हाल चाल पूछा मैंने भी बहुत अच्छे से बात कर रही थी पर पता नहीं उसे ये पता चल गया कि मैं कुछ गलत कर जा रही हूँ। वो मुझ पूछने लगा मैं क्या करने जा रही हूँ और मुझे समझाने लगा मुझे एसा करने से मना करने लगा। और पता नहीं कब बातें करते करते वो मेरे घर तक आ गया। मेरे घर के दरवाजे बंद थे और मैं उन्हें खोलने भी नहीं गई। और जब तक वो दरवाजे को तोड़ कर अंदर आया मैंने अपना आधा खाना खत्म कर चुकी थी। उसने तुरत ही ambulance को call कर दिया ।मेरे नाक से खून आ रहा था ये देख कर वो मुझे डाटने लगा। जब मेरे मुह से भी खून आने लगा और मैं ज़मीन में गिरने लगी तो वो मुझे गोद में लिए मुझे डाटते हूँ रोने लगा। मैंने कभी उसे रोते हुए नहीं देखा था क्योंकि वो हमेशा कहता कि वो बहुत मजबूत है उसे कोई एसे ही रुला नहीं सकता है। वो तो तब भी नहीं रोया था जब उसके बेटे का accident में मौत हुआ था। वो बहुत रो रहा था मैं उसके आँखों से बहते आसुओं को आपने शरीर मैं गिरते हुए महसूस कर रही थी ।मैं उसके बहते आसुओं को रोकना चाहती थी पर जब तक मेरे हाथ उसके चेहरे को छूती मेरे आखें बंद हो चुकी थी। और जब मेरी आखें खुली तब मैंने देखा मेरे सभी दोस्तों के आँखों में आसु थे पर खुशी की ।मैं कितनी गलत थी ये सोचने के लिए कि मैं अकेली हूँ। और ये दुनिया सिर्फ बुरे लोग नहीं रहते कही कही मेरे दोस्तों के जेसे, आनंद की wife जो हमेशा मेरे घर में आ कर बैठ जाया करती थी बिना किसी काम के बस इसलिए कि मैं अकेला मेहसूस ना करूँ, पड़ोस में रहने वाली दादी जिसकी तबियत ठीक नहीं रहती पर मैं ठीक हूँ या नहीं जानने केलिए हमेशा परेशान रहती हैं और छोटू जो बिना सवाल के भी सवाल किया करता था वो बस मुझे हंसाने केलिए और भी कई सारे लोग हैं जो साथ ना हो कर भी साथ थे। ये सब सोच कर मैं बस रो रो कर माफ़ी मांग रही थी। जिस पर भी मुझे डाट पड़ रही थी। मुझे समझ में आई कि मैं खुद को नहीं बल्कि सब के प्यार और उनके उम्मीद को खत्म कर रही थी। अब मैं कभी भी हार नहीं मानुगी भले ही हर चौथी गली में कितने बुरे, ताना मारने और बदतमीज़ लोग क्यूँ ना हो मैं लड़ाई करूंगी।