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आजादी.........
खुले आसमान में उड़ने का अधिकार सबको है
लेकिन कुछ मूर्खों के कारण ज्यादा तर बच्चे अपनी आजादी से वंचित रह जाते हैं ,
लड़कों की तुलना में लड़कियां इसका ज्यादा शिकार होती हैं

जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं , उनके लिए अलग अलग नियम बना दिए जाते हैं , ये मत करो , वो मत करो , ये मत पहनो वो मत पहनो
, उनकी हंसी पर भी पाबंदी लगा दी जाती है , ज्यादा मत हंसा करो , रास्ते में सर झुका कर चला करो , किसी की तरफ नहीं देखते , छोटे कपड़े मत पहनो , फोन पर किसी से बात मत करो , लड़कों से दोस्ती मत करो , घर से बाहर मत निकला करो , हमेशा डरी सहमी सी रहा करो , एक अनचाहा दर हमेशा लगा रहे , उनके सोचने का एक दायरा बना दिया जाता है, इससे ज्यादा नहीं सोच सकते ,
हमेशा शराफत का चोला ओढ़कर रखा करो , अगर ऐसा नहीं किया तो कयामत आजाएगी ,
ऐसा करने में परिवार के पुरूषों के साथ परिवार की बड़ी महिलाओं का पूरा साथ होता है ,

पर ये मूर्ख ये नहीं जानते कि तुम्हारे ऐसा करने से उनकी जिंदगी के अहम पल बर्बाद होजाएंगे , जो पल फिर कभी वापस नहीं मिल सकते ।

सपने देखने का हक तो हर किसी को है ,
क्यों ये लोग किसी के सपनो पर पाबंदियां लगाते हैं , ये कोन होते हैं यह तय करने वाले कि कोन सपना देखना है , कोन सपना नहीं देखना है , कोन सपना अच्छा है कोन सपना बुरा ,

आजादी में जीने का अधिकार सबको है ,
ये समझने में अभी इन्हें ओर कितना समय लगेगा .......................


© @herry