...

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वह बच्चा
दिन गुज़र जाते है पर किस्से और लोग याद रह जाते है ।हर दिन कोई ना कोई कहानी जन्म लेती है बस उस कहानी को कोई सुनाने वाला चाहिए ।
बात कुछ दिनों पहले की बात थी लगभग दिवाली का समय था । जैसा आप सभी जानते है की दिवाली की सफ़ाई और तैयारी महीनों पहले ही शुरू हो जाती है ।
मैं भी बड़े ज़ोर शोर से तैयारी में लगी हुई थी । घर साफ़ करने के बाद जिस चीज़ में मुझे मज़ा आता है वह है शिपिंग । चाहे घर पे चीज़ें होती है पर दिवाली पर वही चीज़ नई आती है ।मैंने कुछ ऑनलाइन शॉपिंग की और बहुत सी बाज़ार जाकर क्यूँकि दिवाली में बाज़ार की रौनक देखने से ही बनती है ।
वैसे तो अक्सर मैं अपने प्राणप्रिय के साथ...