कोलकाता कांड पे
हे दुस्ट अपाघाती हो कैसे निर्दय तुम,
उस मासूम कोमल कन्या को कैसे निचोड़ के छोड़ा था,
36 घंटो काम करा के कैसे उसको तोड़ा था,
उस बेबस लाचार हृदय को तुमने,
फिर एक बार झंझोरा था,
जो तुम जैसे की...
उस मासूम कोमल कन्या को कैसे निचोड़ के छोड़ा था,
36 घंटो काम करा के कैसे उसको तोड़ा था,
उस बेबस लाचार हृदय को तुमने,
फिर एक बार झंझोरा था,
जो तुम जैसे की...