stop fake feminism.
एक बात समझ में नही आती ऐसा हर मुद्दा जहाँ कोई स्त्री गलत साबित हो जाती है वहाँ कुछ so called feminists हर बार की तरह पितृसत्तात्मक समाज को आधार बनाकर उसे बचाने की कोशिश में क्यों लग जाते हैं।
आपको थोड़ी शर्म आनी चाहिये कि आप हर बार इसको आधार बनाकर किसी दोषी को बचाने लगते हैं।
उदाहरण के तौर पर देखा जाये, तो वर्तमान में रिया चक्रबर्ती को लेकर so called feminists आग बबूला हो चुकी है , उन सबका कहना है कि रिया को फँसाया जा रहा है ,उसे एक पुरुष (सुशांत) से प्रेम करने की, उसके बुरे हालात में उसके साथ रहने की सजा मिल रही है ।।उनका कहना...
आपको थोड़ी शर्म आनी चाहिये कि आप हर बार इसको आधार बनाकर किसी दोषी को बचाने लगते हैं।
उदाहरण के तौर पर देखा जाये, तो वर्तमान में रिया चक्रबर्ती को लेकर so called feminists आग बबूला हो चुकी है , उन सबका कहना है कि रिया को फँसाया जा रहा है ,उसे एक पुरुष (सुशांत) से प्रेम करने की, उसके बुरे हालात में उसके साथ रहने की सजा मिल रही है ।।उनका कहना...