आखिर दलित क्यों पिछड़ा है?
हां आज भी दलित लोग अपना असहाय जीवन जी रहे हैं ! वैसे तो देश के बड़े-बड़े नेता और बड़े-बड़े कानून सिखाने वाले लोग एक तरफ तो सबको समानता के दर्जे की बात करते हैं,तो दूसरी ओर उनका समाज जातिवाद को अधिक बढ़ावा दे रहे हैं यह कैसा नेतृत्व है ?आखिर यह सवाल हर एक दलित के मन में उठता है कि कब हमें पूरी तरह से अपने अधिकार और समानता आदि से वंचित...