"सुधा दी"(बांग्ला कहानी)
मनु की नई नई शादी हुई थी।घर में खूब चहल-पहल थी नई बहूं कैसी है कैसा उसका आचार व्यवहार है आस पड़ोस से सब महिलाओं का तांता हर समय उसे देखने की ताक में रहता।
मनु मृदुभाषी और एक सुंदर स्त्री थी। विनोद तो उसके केशों पर मुग्ध हो गये थें जब उसे देखने गए थे।
एक दिन की बात है पीसी (बुआ) आ गई वो आगरे से आई थी तो आगरे का पेठा न लातीं तो ऐसा कैसे होता इसलिए वो अपने साथ तरह तरह के पेठे लाई थी। विनोद के बड़े भाई सोमित के दोनों बच्चे पीसी को घेरकर बैठ गये।तब मां चिल्लाईं अरे बच्चों पीसी को थोड़ा...
मनु मृदुभाषी और एक सुंदर स्त्री थी। विनोद तो उसके केशों पर मुग्ध हो गये थें जब उसे देखने गए थे।
एक दिन की बात है पीसी (बुआ) आ गई वो आगरे से आई थी तो आगरे का पेठा न लातीं तो ऐसा कैसे होता इसलिए वो अपने साथ तरह तरह के पेठे लाई थी। विनोद के बड़े भाई सोमित के दोनों बच्चे पीसी को घेरकर बैठ गये।तब मां चिल्लाईं अरे बच्चों पीसी को थोड़ा...