यही ममत्व है ,यही समत्व है
...सुबह सुबह किचन में बर्तन खनकने की आवाज सुन मेरी नींद उड़ गई ,समय देखा साढ़े पाँच बज रहे थे इस समय वहाँ
कौन होगा ,
मैंने ने बेडरूम से ही झाँककर देखा पत्नी भोजन की तैयारी में व्यस्त थी, बीच बीच में अन्य छोटे मोटे काम भी कर रही थी !
मुझे याद आया कि कल साड़ी चयन के लिए मेरी राय इसीलिए ली गई थी शायद !बड़ी मुश्किल से दो साड़ियों की खरीदी पर सहमति हुई थी !
(मैं जानता था कि आखिरकार इसे जो लेना है वही लेना है
पर मेरी सहमति हर बार लेती ही है यह अच्छी आदत है
कितना खयाल कितना मान ,आज कौन सी सब्ज़ी बनाना हैं
सबकी पसन्द जानने के बाद ही भोजन बनाने का क्रम प्रारंभ करना भी उसके सुभाव का हिस्सा है ।)
मैं चुपचाप जाकर बिस्तर पर लेट गया नींद तो क्या आना थी यूँ ही ऑंखे खुली विचार में खोया जाग रहा था ,
थोड़ी देर बाद आवाज़ सुन चौंका...
कौन होगा ,
मैंने ने बेडरूम से ही झाँककर देखा पत्नी भोजन की तैयारी में व्यस्त थी, बीच बीच में अन्य छोटे मोटे काम भी कर रही थी !
मुझे याद आया कि कल साड़ी चयन के लिए मेरी राय इसीलिए ली गई थी शायद !बड़ी मुश्किल से दो साड़ियों की खरीदी पर सहमति हुई थी !
(मैं जानता था कि आखिरकार इसे जो लेना है वही लेना है
पर मेरी सहमति हर बार लेती ही है यह अच्छी आदत है
कितना खयाल कितना मान ,आज कौन सी सब्ज़ी बनाना हैं
सबकी पसन्द जानने के बाद ही भोजन बनाने का क्रम प्रारंभ करना भी उसके सुभाव का हिस्सा है ।)
मैं चुपचाप जाकर बिस्तर पर लेट गया नींद तो क्या आना थी यूँ ही ऑंखे खुली विचार में खोया जाग रहा था ,
थोड़ी देर बाद आवाज़ सुन चौंका...