यह थी उषा
पक्का गेहुँआ रंग , दरम्याना कद भरा हुआ सुडौल शरीर और सत्रह के आसपास की उम्र ..... यह थी उषा ।उस समय मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती थी । वो भी मेरी ही कक्षा में थी परन्तु हम सब लड़कियों से उसकी उम्र दो - तीन साल अधिक थी । तिस पर उसका अक्खड़ स्वभाव सभी लड़कियों पर अपना रौब डालता था ।
मैं क्लास की मॉनिटर होने पर भी उसकी उद्दंडता के लिए उसे कुछ कहने से घबराती थी । दिन भर वो फ़िल्मी गाने गाती , लड़कियों से गपशप करती और डेस्कों पर किसी कुशल नट की भाँति कूदती फाँदती कक्षा के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँच जाती ।
लगभग सभी विषयों की अध्यापिकाएं उसे पढ़ाई में लापरवाह होने की वजह से डाँटा करतीं , मगर उस पर इन सब बातों का कोई असर नहीं पड़ता था । क्लास से टीचर के जाने के बाद वो कहती - अरे ! कौन इनकी...
मैं क्लास की मॉनिटर होने पर भी उसकी उद्दंडता के लिए उसे कुछ कहने से घबराती थी । दिन भर वो फ़िल्मी गाने गाती , लड़कियों से गपशप करती और डेस्कों पर किसी कुशल नट की भाँति कूदती फाँदती कक्षा के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँच जाती ।
लगभग सभी विषयों की अध्यापिकाएं उसे पढ़ाई में लापरवाह होने की वजह से डाँटा करतीं , मगर उस पर इन सब बातों का कोई असर नहीं पड़ता था । क्लास से टीचर के जाने के बाद वो कहती - अरे ! कौन इनकी...