चेहरे के दो पहलू
शहर की शांत सड़के बारिश की बूँदों से तर हो चुकी है, मिट्टी की सौंधी सी खुशबु हवा के साथ ऋषि के कमरे की खिड़की से आकर चेहरे को हल्के से छु जा रही थी। ऋषि के गाल शरद से लाल हो रहे थे। २६ साल का ऋषि अपने घर से दूर लखनऊ से चंडीगढ़ अचानक ही रहने लगा पांच साल पहले हुई उस घटना को अंदर बसाये ऋषि अफसोस मे जी रहा था। ऋषि एक बार फिर वो सब दोहराने लगा। मासी ने क्यु नही समझा मुझे, मनन मेरा भाई था उन्होंने कैसे ये सोच लिया की मैं ऐसा कर सकता हु। आखिर क्यु हम बेकसूर होते हुए भी खुद को कभी...