कहानी
कहानी बस इतनी है
खुद झुक कर
हमेशा दूसरो की मानी है
यूं रिश्तों का मान रखते रखते
खुद की जान ली है
अंदर कुछ बाकी नहीं
बाहर जिंदगी अभी बाकी है।
© Ansu
खुद झुक कर
हमेशा दूसरो की मानी है
यूं रिश्तों का मान रखते रखते
खुद की जान ली है
अंदर कुछ बाकी नहीं
बाहर जिंदगी अभी बाकी है।
© Ansu
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