प्रेम के लिए कृतज्ञ
क्या प्रेम केवल दो प्रेमियों के बीच ही हो सकता है नहीं बिलकुल नहीं....
प्रेम के और कई रूप हैं...
मां और बच्चे का प्रेम...पिता का प्रेम
अच्छे दोस्तों का प्रेम....
भाई बहन का प्रेम
ईश्वर का प्रेम.. इत्यादि
ये सब भी प्रेम के रूप हैं.....
यहां तक कि निर्जीव वस्तुओं से भी हमें अथाह प्रेम हो जाता है।
प्रेम केवल एक रिश्ते में कैद होने वाला भाव नहीं है यह तो खुशबू की तरह महकने वाला और नदी की तरह बहने वाला जादुई एहसास है।
इसलिए आप ऊर्जा के जिस भी रूप से प्रेम करें उसे हर दिन यह महसूस कराएं की आप उस प्रेम के लिए कितने कृतज्ञ हैं।
© Sarika
प्रेम के और कई रूप हैं...
मां और बच्चे का प्रेम...पिता का प्रेम
अच्छे दोस्तों का प्रेम....
भाई बहन का प्रेम
ईश्वर का प्रेम.. इत्यादि
ये सब भी प्रेम के रूप हैं.....
यहां तक कि निर्जीव वस्तुओं से भी हमें अथाह प्रेम हो जाता है।
प्रेम केवल एक रिश्ते में कैद होने वाला भाव नहीं है यह तो खुशबू की तरह महकने वाला और नदी की तरह बहने वाला जादुई एहसास है।
इसलिए आप ऊर्जा के जिस भी रूप से प्रेम करें उसे हर दिन यह महसूस कराएं की आप उस प्रेम के लिए कितने कृतज्ञ हैं।
© Sarika