।।मातृत्व की शक्ति।।
सीमा और राकेश को कुछ ही दिन हुवे है दांपत्य जीवन के सूत्र में बंधे हुवे। सीमा एक शांत स्वभाव की सुलझी और समझदार स्त्री, वही राकेश इसके विपरित स्वभाव से परिपूर्ण आदमी।
दोनो को विवाह के अभी कुछ दिन ही हुवे थे,
मुश्किल से 15 दिन।.... इन 15 दिनों के ही अंदर सीमा के सामने राकेश का असली चेहरा सामने आने लगा। वह रोज रात सीमा को मरता, उसका शोषण करता, अत्याचार करता, और बदले में 2 वक्त का खाना दे उसके शरीर का उपयोग केवल अपने मन को बहलाने के लिए करता।
सीमा राकेश जैसे हैवान को केवल समाज के डर से झेलती, कही समाज में उसके माता-पिता का सर ना झुक जाए ये सब सोच वह अपने हर दुख को अपने तक ही रखती। कुछ महीनो बाद उसे उसके गर्भवती होने का पता चलता है, वो मन ही मन बहुत खुश होती है उसके हर्ष की कोई सीमा नही होती, मानो उससे दुनिया का सबसे बड़ा खज़ाना मिल गया हो, हां ये खज़ाना और कुछ...
दोनो को विवाह के अभी कुछ दिन ही हुवे थे,
मुश्किल से 15 दिन।.... इन 15 दिनों के ही अंदर सीमा के सामने राकेश का असली चेहरा सामने आने लगा। वह रोज रात सीमा को मरता, उसका शोषण करता, अत्याचार करता, और बदले में 2 वक्त का खाना दे उसके शरीर का उपयोग केवल अपने मन को बहलाने के लिए करता।
सीमा राकेश जैसे हैवान को केवल समाज के डर से झेलती, कही समाज में उसके माता-पिता का सर ना झुक जाए ये सब सोच वह अपने हर दुख को अपने तक ही रखती। कुछ महीनो बाद उसे उसके गर्भवती होने का पता चलता है, वो मन ही मन बहुत खुश होती है उसके हर्ष की कोई सीमा नही होती, मानो उससे दुनिया का सबसे बड़ा खज़ाना मिल गया हो, हां ये खज़ाना और कुछ...