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"मेरा गाँव"
खूबसूरत वादियाँ, सुनहरी धूप, आसमान में आजाद पंछी, ताज़ी हवा, मीठा पानी, और लोगों की सादगी वाला एक गाँव जिसका नाम देव सोमनाथ है जिला डूंगरपुर राजस्थान में स्थित है! गाँव की सादगी और शहर के फेशन जैसे (जमीन और आसमान) आसमान में हर कोई उड़ना चाहता है! लेकिन जमीन पर मिलने वाले साधनों की वज़ह से जमीन पर ही रहना अच्छा लगता हैं! इसी वज़ह से लोग शहर मे रहना पसंद करते हैं, परंतु जो गाँव की हरियाली और खुशहाली के साथ पलता बढ़ता है वहीं जानता है कि शहर की दूषित हवा से अच्छी गाँव की खुशबु है!
आप सबको को तो पता ही है कि कैसे पूरे देश मे महामारी की बिमारी फैली हुई है, बस शायद यही कारण था जब पहली बार मे 6 महीने से भी ज़्यादा अपने गाँव मे रहा! जहा शहर के लोगों मे एक दूसरे के लिए ईर्षा होती है, वहीं गाँवो मे एक दूसरे के लिए प्यार होता है! शहरो मे लोग सुबह से शाम तक पैसे कमाने को भागते रहते है तब भी रात को सुकून की नींद नहीं आती, वहीं दूसरी ओर गावों मे लोगों को केवल दो वक़्त की रोटी और रात को चैन की नींद होती हैं!
कोरोना जैसी बिमारी ना आती तो शायद मुझे भी गाँव की खूबसूरती का कोई अंदाजा ना होता! मेरा एक छोटा सा और पिछड़ा हुआ गाँव है लेकिन यहां के लोगों की सादगी मुझे बहुत आकर्षित लगती है! यहां मेरे घर के आसपास बहुत से पहाड है, थोड़ी दूर एक तालाब और एक नदी है! पूरे दिन भर ऐसे पंछी देखने को मिलते हैं जो शहरो मे कभी नहीं दिखते! रात को पूरे गगन मे चमकते तारे दिखते है! सुबह की खिलखिलाती धूप के साथ पंछियों की मधुर आवाज सुनने का आनंद ही अलग होता है! दिन मे पेड़ों की ठंडी छाया और उसके मीठे मीठे फल दिल जीतने को काफी है!
गाँव तो हम पहले भी आते थे, लेकिन तब मुझे गाँव का महत्व समझ नहीं आता था! क्युकी मैं 5 साल का जब शहर गया, और वहीं से पड़ाई लिखाई करने लगा! आज शहर मे मेरे पास सारी सुविधाएं होते हुए भी मुझे गाँव की असुविधा पसंद आ रहीं हैं! गाँवों मे गरीबों की बस्ती होती है लेकिन वो दिल के अमीर होते हैं, यहां आपके सम्मान मे पूरा वातावरण सर झुकाता! और अगर कभी परखना हो तो आजमा के देख लेना यहां के लोग आपकी खुशी के लिए अपनी जान पर खेलना जानते हैं!!
जहाँ सुकून मिलता है, जहाँ प्यार मिलता है, मैं कैसे बताऊँ अपने गाँव के बारे मे गाँव वो है जहां इंसान को अपनी पहचान मिलती है!😍😘

© by :- kk writer