"प्यार के मायने"
hi...
हलौ...
मैं...मैंने आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा है
तो ?
तो क्या... एक्सेप्ट कर लीजिए ।
क्यों एक्सेप्ट कर लूं ?
क्योंकि आप बहुत खूबसूरत हो ।
इस पंक्ति ने अंजली को क्लीन बोल्ड कर दिया...
और वो मन ही मन मे हंसते हुए बोली
बड़े ढीठ हो यार...क्या चाहते हो ?
आपको...!
अंजली को अब और भी इंटरेस्टेड लगा था ये ।
मुझे जानते हो ?
अब जान जाऊंगा
बताएगा कौन ?
आप ।
हं तो मिस्टर आमिर खान
क्या सोचते हो...ऐसे पटा लोगे तुम मुझे ?
अरे वाह....आप भी यही सोचने लगी ?
बुरी तरह झेंप गई थी अंजली...
और फिर इस शोशल साइट्स पर शुरू हुआ एक प्रेम कहानी ।
अनिकेत....एक अट्ठारह वर्षीय लड़का था,जो कि अपने उम्र के उस दौर से गुज़र रहा था,जिसमे गुज़रने के दौरान सभी अपने अंदर और बाहर के होने वाले बदलाव को महसूस करते हैं ।
अनिकेत अपनी माँ और एक बहन के साथ रहता था... उसके बाबा की मृत्यु 8 वर्ष पहले हो गई थी ।
अनिकेत की बहन एक फैक्ट्री में काम करती थी जबकि उसकी मां घर मे ही कपडे सी कर किसी तरह गुज़ारा करती थी अपने घर का ।
उन दोनों को अनिकेत से बहुत उम्मीदें थीं ,जिन्हें अनिकेत पूरा भी करने वाला था ।
अपने कॉलेज के टॉपर स्टूडेंट्स में गिनती होती थी उसकी ।
आज अनिकेत और अंजली को सोशल साइट पर मिले ढाई महीने से भी अधिक हो चुके थे....और बातें अब अपनी हदों की जद से बहुत बाहर निकल चुकी थी।।
आज अनिकेत ये पक्का फैसला कर चुका था.....आज चाहे जो भी हो जाये वो अंजली से उसका मोबाइल नंबर ले कर ही रहेगा ।
और चैटिंग करते हुए काफी ज़िद के बाद अंजली ने अनिकेत को...
हलौ...
मैं...मैंने आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा है
तो ?
तो क्या... एक्सेप्ट कर लीजिए ।
क्यों एक्सेप्ट कर लूं ?
क्योंकि आप बहुत खूबसूरत हो ।
इस पंक्ति ने अंजली को क्लीन बोल्ड कर दिया...
और वो मन ही मन मे हंसते हुए बोली
बड़े ढीठ हो यार...क्या चाहते हो ?
आपको...!
अंजली को अब और भी इंटरेस्टेड लगा था ये ।
मुझे जानते हो ?
अब जान जाऊंगा
बताएगा कौन ?
आप ।
हं तो मिस्टर आमिर खान
क्या सोचते हो...ऐसे पटा लोगे तुम मुझे ?
अरे वाह....आप भी यही सोचने लगी ?
बुरी तरह झेंप गई थी अंजली...
और फिर इस शोशल साइट्स पर शुरू हुआ एक प्रेम कहानी ।
अनिकेत....एक अट्ठारह वर्षीय लड़का था,जो कि अपने उम्र के उस दौर से गुज़र रहा था,जिसमे गुज़रने के दौरान सभी अपने अंदर और बाहर के होने वाले बदलाव को महसूस करते हैं ।
अनिकेत अपनी माँ और एक बहन के साथ रहता था... उसके बाबा की मृत्यु 8 वर्ष पहले हो गई थी ।
अनिकेत की बहन एक फैक्ट्री में काम करती थी जबकि उसकी मां घर मे ही कपडे सी कर किसी तरह गुज़ारा करती थी अपने घर का ।
उन दोनों को अनिकेत से बहुत उम्मीदें थीं ,जिन्हें अनिकेत पूरा भी करने वाला था ।
अपने कॉलेज के टॉपर स्टूडेंट्स में गिनती होती थी उसकी ।
आज अनिकेत और अंजली को सोशल साइट पर मिले ढाई महीने से भी अधिक हो चुके थे....और बातें अब अपनी हदों की जद से बहुत बाहर निकल चुकी थी।।
आज अनिकेत ये पक्का फैसला कर चुका था.....आज चाहे जो भी हो जाये वो अंजली से उसका मोबाइल नंबर ले कर ही रहेगा ।
और चैटिंग करते हुए काफी ज़िद के बाद अंजली ने अनिकेत को...