...

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सही राह

Sir मुझे 10th में एडमिशन चाहिए क्या करना होगा मुझे ?
गोविन्द ने प्रवेश प्रभारी से पूछा ।
बराबर बस यह आवेदन फार्म लीजिए आवश्यक पूर्ति के साथ Documents जो चाहे हैं उन्हें जमा कर शुल्क जमा कर दीजिए उससे पहले Documents verification करवा लीजिए फिर बस आपका admision हो गया ,समझाते हुए
प्रवेश प्रभारी ने कहा ।
प्रभारी ( सारे Documents तो ठीक है मगर Bank account
राष्ट्रीयकृत बैंक का नहीं है साथ ही आपके नाम का भी नहीं है अतः नया account number देना होगा ।
जी sir मैं दो चार दिन में नया नंबर दे दूँगा ।
(गोविन्द औसत दर्जे का विद्यार्थी था जो प्रायव्हेट स्कूल का
शुल्क जमा करने में असमर्थ होने से शासकीय विद्यालय में
भर्ती होने का इच्छुक था ।
उसकी लगन देखकर प्राचार्य महोदय ने उसे प्रवेश देने की
स्वीकृति प्रदान कर दी ।
विद्यालय में वह कुछ दिन तो नियमित रहा मगर फिर क्लास बंक करने लगा ।
गणित ,English,science विषय में कमजोर था ही साथ ही
झेंपने की वृत्ति के कारण वह अपनी कठिनाई शिक्षक से ूपूछता भी नहीं था ,वक्त बीतता गया और त्रैमासिक परीक्षा आ गई फलतः अभ्यास के अभाव में वह अनुत्तीर्ण हो गया ।
त्रैमासिक परीक्षा की समीक्षा हुई और P.T.A meeting में सभी पालकों को बुलाया लेकिन गोविन्द के पिता नहीं आए
और ना ही गोविन्द ही आया ।
Mobile phone से सम्पर्क का प्रयास भी किया गया लेकिन उसका फोन हमेशा बन्द बताता रहा । अर्द्धवार्षिक परीक्षा भी आई ,अब छात्रवृत्ति के लिए account number की जरूरत महसूस हुई ।अंततोगत्वा छात्र के घर सम्पर्क किया गया ।छात्र से पूछा कि स्कूल क्यों नहीं आ रहे हो उसने कहा कि मैंने तो स्कूल छोड़ दिया हैं ।
क्या समस्या है तुम्हारी तुम तो बड़ी उम्मीद से भरती हुए थे फिर बीच सत्र में क्यों बन्द हो गए ? क्या प्रायवेट फार्म डाला है या कहीं काम पर जा रहे हो ?
आखिर क्यों नहीं आ रहे हो ?
उसने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मेरे पिताजी ने मना कर दिया कि मैं Meetingविटिंग में नहीं जाऊँगा चाहे तो तू पढ़ या मत पढ़ ।मैं बहुत दिनों से घर पर ही बैठा था अभी 10-20 दिनों से ही छोटी मोटी मजदूरी करने लगा हूँ ।लेकिन
साथ ही स्कूल से बारबार सूचना पत्र मिलते ,जिस पर पालक के हस्ताक्षर को कहते ।मैं क्या करता ..
हमने कहा कि ऐसी समस्या थी तो बताना चाहिए था ,शाला छोड़ने की क्या तुक है ,परीक्षा आ रही हेै थोड़ी मेहनत कर लोगे तो पास हो जाओगे ,वर्ष खराब होने से बच जाएगा ।
विद्यालय की छात्रवृत्ति भी मिलेगी तो थोड़ा सहयोग हो जाएगा ,
हाँ सर मैं भी सोचता हूँ खुलवा लूँगा खाता पापा से पूछकर ।
शायद वो मान जाए ,
बेटे तुम तो आओं पापा देर सवेर मान ही जाएंगे ।
जी सर शायद उस पर समझाइश का असर हो रहा था ।
आवश्यक निर्देश,मार्गदर्शन के बाद शिक्षक गण लौट गए ।
एक छात्र को सही राह दिखाकर शालात्यागी होने से उन्होंने बचा जो लिया था ।

© MaheshKumar Sharma
30/1/2023
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