जिंदगी के कुछ किस्से
1) खप्परों से पानी बहे जा रहा है।एक ओर चार धाराएँ बह रही है,कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा है ,जैसे वे आपस में प्रतियोगिता कर रही हो। तो दूसरी ओर मस्ती में बूँदे बह रही है। आप इसे ऐसा माने कि एक ओर एक आदमी सभी को पीछे छोड़ कर स्वयं आगे निकलने की इस दोड़ में लगा हुआ है। वही दूसरी ओर एक आदमी मस्ती में अपना जीवन वर्तमान में जीते हुए जा रहा है। वही उन जंग मे लगी बूंदों के बगल में ही एक धारा ऐसी भी बह रही है।
2)ठिक उसी के पीछे एक बेगनी रंग कपड़ा है । जब वो पानी की बूंदे उस कपड़े से होकर गुजाराती है, तब उन बूंदों का रंग भी बेगनी हो जा रहा है । कुछ इस प्रकार के लोग भी होते हैं। दुनिया में जो कुछ हट कर...
2)ठिक उसी के पीछे एक बेगनी रंग कपड़ा है । जब वो पानी की बूंदे उस कपड़े से होकर गुजाराती है, तब उन बूंदों का रंग भी बेगनी हो जा रहा है । कुछ इस प्रकार के लोग भी होते हैं। दुनिया में जो कुछ हट कर...