...

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Friends
जिनके साथ हर वक़्त हम रहे
अब वो हमसे दूर रहा करते है
क्यों बड़े होने पर वही
दोस्त दुश्मन हुआ करते है

ना स्वार्थ था ना घमंड था
ना ही हममे तनाव था
मिलता तो था बहुतों से मैं पर
उसके अलावा ना कोई मेरे साथ था

रह गई है सिर्फ बातें हमारी
अब नए लोगों से मैं मिलते हूं
रहा नहीं उस जैसा मेरा दोस्त
आज भी उसे मैं याद करता हूं

दुश्मनी हुई हमारी पैसा के वजह से
आज मैं उसके आगे जो निकला
साथ मैं थे एक ही जगह हम पर
अब मैं उससे जो आगे निकला

काम करता था वो पहले से वहाँ
उसी ने मुझे वहाँ की राह दिखाई
रह गया है वो आज भी वही पर
और आज मैं उससे आगे निकला

चुभ गई है उसे ये बात
इस पर वो मुझसे नाराज है
कैसे बताऊ उसको ये कि
वो ही मेरी जीत का हकदार है
© writes_rh