...

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अपने तो अपने होते हैं
सब कुछ बदल जाये मगर
अपने नहीं बदलते हैं
यही पहचान होती है अपनों
की,अपने तो अपने होते हैं!
छोड़ कर कभी अपनों को
ज़ब रास्ते वो बदल लेते हैं,
जितना भी करलो बंद दिल
के दरवाजे मगर ये इस दिल
पर दस्तक दे ही देते हैं,
क्यूंकि अपने तो अपने होते हैं!
कभी सिर्फ अपनी बात को
मनवाने के लिए ये बात कई
जोड़ देते हैं,
छोटी सी बात का पहाड़ बना
कर झगड़े पर छोड़ देते हैं!
फिर भी कोई छोटी सी भी
चोट ये बर्दास्त नहीं कर पाते
हैं अपने इन अपनों के लिए ही
सारे झगड़े भूल कर आते हैं,
क्यूंकि अपने तो अपने होते हैं!
कभी पल का गुस्सा पल मे बढ़
जाता है, कभी दिल पर लगी बात
के लिए एक अरसा कट जाता है,
मगर ज़ब झुक जाते हैं अपने तो
गुस्सा रह ही कहाँ जाता है,
क्यूंकि अपने तो अपने होते हैं
इन्हें मनाना भी आता है!!
घर के अंदर लड़ेंगे मगर बाहर
नहीं झुकेंगे, एक दूसरे के लिए
एक दूसरे से लड़ेंगे, ये अपने तो
अपने होते हैं इन्हें भुलाया ही कहाँ
जाता है!!!

© sangeeta ki diary