क़यामत
कर गई क़यामत,
उनके दीदार की एक झलक,
मधोस हो गया रोम रोम हमारा।
रोज निग़ाह दीदार चाहतीं हैं,
उस की एक झलक पाने का,
बो तो कमसिन अदा बाली थी,
हुस्न की मल्लिका भी आंखे बंद,कर ले
उसकी एक झलक के पाने के बाद।
© @tul choudhary
उनके दीदार की एक झलक,
मधोस हो गया रोम रोम हमारा।
रोज निग़ाह दीदार चाहतीं हैं,
उस की एक झलक पाने का,
बो तो कमसिन अदा बाली थी,
हुस्न की मल्लिका भी आंखे बंद,कर ले
उसकी एक झलक के पाने के बाद।
© @tul choudhary
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