...

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किसी ने नहीं बताया....💔
हर किसी ने सिखाया कि प्रेम करो,
कभी बोला प्रत्येक व्यक्ति से करो
कभी कहा इस धरती से,कभी आकाश से,
क्षितिज से,तो कभी पाताल से।

कभी दिशाओं से कभी शिलाओं से,
कभी लताओं से,कभी जटाओं से,
कभी धाराओं से,तो कभी निराधारों से,
कभी विपदाओं से,कभी प्रसन्नताओं से
अथाह प्रेम करने को कहा गया...

किन्तु कभी किसी ने नहीं बताया..
कि वास्तविक प्रेम है क्या...
क्यूंकि...