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ख़ाली जेब
*ख़ाली जेब*
वर्तमान दौर में खाली जेब चाहे पुरुष की हो या स्त्री की हो। जीते जी मृत्यु को देखने जैसी होती है। कहीं कोई बेटा, भाई, पति या पिता कहे की जेब खाली है तो, सारे रिश्ते नाते एक पल में अपना असली रूप दिखा ही देते हैं, और अगर कोई बेटी ,बहन ,पत्नी या मां कहे तो लगता है जैसे इतने पैसे मिलते होंगे इसे घर खर्चे में, सब तो खर्च नहीं करती होगी। कितनी कंजूस है या फिर जोड़कर सोना खरीदनी होगी यह जो खाली जेब होती है ना सब अपमानों की मां होती है। यह कहानी है या सच्चाई है आप लोग ही तय करोगे।

*ख़ाली जेब*

अरे ! मनोज और श्वेता तुम दोनों यहां पर क्या कर रहे हो..? चलो , आज सब दोस्त चलते हैं ,किसी होटल में खाना खा लेंगे और नए वर्ष की पार्टी भी हो जाएगी ।
आकाश ने अपने अंकल के बच्चों को कहा।
आज नहीं, आज तो श्वेता को अपनी फ्रेंड के बर्थडे पर जाना है और कल हम दोनों बाहर जा रहे हैं। मनोज ने बिना कोई भाव व्यक्त करते हुए उत्तर दिया ।

अरे ! तो कोई बात नहीं ।हम मकर संक्रांति पर ही चल लेंगे , तब कोई बहाना मत बनाना तुम दोनों। और हंसते हुए आकाश चला गया ।
मनोज और श्वेता अपने घर के जिम्मेदार बच्चे हैं दोनों की उम्र में महज 2 साल का अंतर है ।माता-पिता की हर...