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सच्ची घटना
*सच्ची घटना*
बात बहुत पुरानी है मगर मेरी ज़िन्दगी की असली कहानी है।1986 के दिसम्बर माह के एक रविवार की बात है। मैं और मेरे हसबैंड गाजियाबाद से दिल्ली इर्विन वर्तमान LNJP अस्पताल किसी रिश्तेदार को देखने जा रहे थे जब बस में हमने टिकट लिया तो कुछ पैसे कन्डेक्टर को वापस करने थे। अपना स्टॉप आने से थोड़ा पहले मेरे हसबैंड ने सोचा मैं जाकर बाकी पैसे ले लेता हूं क्योंकि बस कन्डेक्टर पीछे वाली सीट पर बैठा हुआ था। मेरे हसबैंड मुझे बिना बताए बस की आगे तरफ से उतर कर पीछे से बस में चढ़ गये मैंने सोचा शायद हमें यही उतरना है मै भी उनके पीछे उतर गई...