दिल के तार
भाग 02
शाम
****कृष्णा मंदिर में आरती की तैयारी करती है सब लोग आते हैं मां की आराधना करते हैं आरती होती है सब प्रसाद लेते हैं सब अपना अपना कार्य करने लगते हैं****
कृष्णा:- (खुद से कहती है ) कहां से तैयारी शुरू करो सजावट तो अच्छी होनी चाहिए ,इतने बड़े लोग जो आने वाले हैं( कुछ समय रुक कर)
पहले हम सजावट करा लेते हैं
दिव्य नारायन आते हैं कृष्णा को देखकर वहीं रुक जाते हैं
दिव्य:- किस सोच में डूबी है (उसे आवाज देते हैं) कृष्णा
कृष्णा:-( पास आकर ) जी दादा जी
दिव्य :-बेटा इतना सोच विचार के काम करोगे तो कैसे होगा सोचो मत कार्य पर ध्यान दो ___कृष्णा हां की मुद्रा में सिर हिला देती है।।
दिल्ली
सुबह होता है ,सागर के आने की खुशी में सब तैयारियां कर रहे हैं ,चंद्रकांत चाय पीते हैं मगर उनका ध्यान अर्चना पर ही रहता है ,अर्चना घूम-घूम कर तैयारियां देखती है
चन्द्र :- अर्चना थोड़ा आराम कर लो ,कितना दौड़ होगी सागर पहले घर को नहीं तुम्हें देखेगा इतने सालों बाद जो मिल रहा है
अर्चना :- अच्छा बताइए उसे लेने एयरपोर्ट कौन जाएगा आप जा रहे हैं ना जल्दी जाइए
...
शाम
****कृष्णा मंदिर में आरती की तैयारी करती है सब लोग आते हैं मां की आराधना करते हैं आरती होती है सब प्रसाद लेते हैं सब अपना अपना कार्य करने लगते हैं****
कृष्णा:- (खुद से कहती है ) कहां से तैयारी शुरू करो सजावट तो अच्छी होनी चाहिए ,इतने बड़े लोग जो आने वाले हैं( कुछ समय रुक कर)
पहले हम सजावट करा लेते हैं
दिव्य नारायन आते हैं कृष्णा को देखकर वहीं रुक जाते हैं
दिव्य:- किस सोच में डूबी है (उसे आवाज देते हैं) कृष्णा
कृष्णा:-( पास आकर ) जी दादा जी
दिव्य :-बेटा इतना सोच विचार के काम करोगे तो कैसे होगा सोचो मत कार्य पर ध्यान दो ___कृष्णा हां की मुद्रा में सिर हिला देती है।।
दिल्ली
सुबह होता है ,सागर के आने की खुशी में सब तैयारियां कर रहे हैं ,चंद्रकांत चाय पीते हैं मगर उनका ध्यान अर्चना पर ही रहता है ,अर्चना घूम-घूम कर तैयारियां देखती है
चन्द्र :- अर्चना थोड़ा आराम कर लो ,कितना दौड़ होगी सागर पहले घर को नहीं तुम्हें देखेगा इतने सालों बाद जो मिल रहा है
अर्चना :- अच्छा बताइए उसे लेने एयरपोर्ट कौन जाएगा आप जा रहे हैं ना जल्दी जाइए
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