ए जिंदगी मेरी गुरु
ए जिंदगी तुझे भी मुझ पर एक दिन गुरुर होगा, माना कि तेरे हजारो रंग है मेरा रंग फीका ही सही लेकिन सच्ची गुरु तो तू ही है मेरी। जिसने हर परिस्थिति में मुझे जीना सिखाया, मुझको हर हालातों से लड़ना सिखाया। तूने जो सिखाया है आजतक, वो कोई और नहीं सीखा पाया आजतक। माता-पिता पहले गुरु, गुरुजन तो है ही गुरु, समय भी गुरु है लेकिन जिंदगी एक महान गुरु। तूने ही तो सिखाया है अगर तन में है कपड़ा, सर पर है छत और थाली में है ज्यादा तो जरूरतमंद को बांटकर है खाना। जिंदगी ने एक बार मुझसे पूछा कि क्या किया अब तक? मैंने भी हंसकर जवाब दे दिया कि किसी को धोखा नहीं दिया आज तक। जिंदगी ने एक बार फिर मुझसे पूछा लिया की क्या सीखा है मुझसे अब तक? तो मैं फिर से मुस्कुराकर जवाब दे दिया कि तूने ही तो सिखाया है हर परिस्थिति में मुस्कुराना मुझे। ए जिंदगी तुझे एक बार मेरा फिर से सलाम तू ही मेरी सच्ची गुरु जिसको मेरा है बारम्बार प्रणाम।#@डॉ. श्वेता सिंह
© Dr.Shweta Singh
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